इमानदारी आज भी जिंदा है की मिसाल आरपीएफ ने बेहतर ढंग से पेश की
रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 17 जुलाई 2021 : छपरा। बीते 12 जुलाई को गाड़ी संख्या 07051 (सिकंदराबाद-छपरा स्पेशल) के कोच सं-एस-1 के बर्थ सं.-1 के नीचे किसी यात्री का लाल रंग का ट्रॉली बैग मधुपुर स्टेशन पर गाडी से उतरने के क्रम में छुट गया। यात्री की बेचैनी ऐसी बढ़ी कि मानों उसमें अच्छी खासी रकम हो। रकम थी भी बैग में। यात्री अपना बैग ढूढते-ढूंढते परेशान हो गयी थी। उसने इस बात की सूचना रेल अधिकारियों को दी, पर वह यह मानकर चल रही थी कि अब तो बैग में रखा रकम भी गया और सामन भी। पर यह बैग उक्त गाड़ी में तैनात आरपीएफ के सिपाही शिवप्रकाश को मिली। उसने बैग को उतारकर छपरा पोस्ट पर लाकर आईपीएफ अनिरूद्ध कुमार राय के हवाले कर दिया। बैग को खोलकर देखा गया तो बैग मे रखे मेडिकल कार्ड पर एक मोबाइल नं. अंकित था। कॉल किया गया तो एक महिला जिसका नाम साज़िद खातून, पत्नी-मो. समीर, नि.-चेताडीह, थाना-गिरीडीह , जिला-गिरीडीह (झारखण्ड) की थी। जिसने उक्त ट्रॉली बैग को अपना बताया। इसके बाद तो महिला की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। वह 17 जुलाई को अपने पति के साथ छपरा पोस्ट पर उपस्थित हुई। जिसकी पहचान उसके पी.एन.आर. सं- 4834323376 व आधार कार्ड से हुई। इसके बाद बैग व उसमें रखे पुराने इस्तेमाली कपड़े, अन्य सामान और एक लेडीज़ पर्स में रखे नगद रु 20,000 को मिलान कराया गया। ब उपरोक्त महिला के बताये अनुसार सामान की कीमत लगभग रुपए 5,000/- और नगद 20,000/- अर्थात कुल 25,000/- है। सामान प्राप्ति के बाद उक्त महिला द्वारा रेसुब की कोटि-कोटि प्रशंसा की गई।महिला ने कहा कि इमानदारी आज भी जिंदा है आरपीएफ छपरा इसका मिसाल है।
