रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पुणे | Updated: 9 नवंबर 2025: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को अपने बेटे पार्थ पवार से जुड़े बहुमूल्य भूमि सौदे के आरोपों पर पहली बार खुलकर बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि वे कानून और नियमों के दायरे में काम करने वाले व्यक्ति हैं और “गलत का समर्थन कभी नहीं करेंगे।”

सबसे बड़ी बात ये है कि 40 एकड़ जमीन के इस सौदे के लिए स्टांप ड्यूटी के रूप में सिर्फ 500 रुपये दिए गए. जमीन का सौदा करने वाली अमेकाडिया कंपनी पार्थ और उनके ममेरे भाई दिग्विजय अमरसिंह पाटिल की बताई जा रही है. चौंकाने वाली बात ये है कि कंपनी की पंजीकृत पूंजी मात्र एक लाख रुपये है. फिर भी उसने 300 करोड़ की जमीन खरीद ली. अमेकाडिया कंपनी ने सरकार के आईटी पार्क नीति का फायदा उठाते हुए स्टांप ड्यूटी से पूरी तरह छूट भी हासिल कर ली.

घोटाले में अजित पवार के बेटे का सामने नाम आने के बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने दलितों के लिए 1800 करोड़ रुपये की आरक्षित जमीन 300 करोड़ में बेच दी. राहुल ने इसे जमीन चोरी बताया.

गौरतलब है कि 40 एकड़ जिस जमीन को लेकर अजित पवार के बेटे पर इल्जाम लग रहे हैं, वो ये पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में है. इसकी गिनती शहर के सबसे आलीशान रिहायशी इलाके में होती है. इस मामले का जैसे ही खुलासा हुआ लोग यहां पर प्रदर्शन करने पहुंच गए.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस जमीन को हड़पने की साजिश 19 साल पहले रची गई. साल 2006 में पैरामाउंट इन्फ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनी ने 271 जमीन मालिकों से पावर ऑफ अटॉर्नी पर दस्तखत करवा लिए थे. बाद में इसी जमीन को अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी अमेकाडिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने खरीद लिया और 1800 करोड़ में बेच दिया

निकाय चुनाव से पहले डिप्टी सीएम के बेटे पर गंभीर आरोप लगने के बाद सीएम फडणवीस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने राजस्व विभाग और भूमि अभिलेख विभाग से पूरी जानकारी मांगी है. प्रारंभिक तौर पर कुछ बातें बेहद गंभीर लग रही हैं. जांच पूरी होने के बाद ही हम अपनी आधिकारिक भूमिका रखेंगे. अगर किसी स्तर पर अनियमितता पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अजित पवार बोले — गलत करने वालों के लिए कोई सहानुभूति नहीं

मीडिया से बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने बेटे पार्थ को कोई सलाह दी है, तो अजित पवार ने कहा —“मैंने शुक्रवार को ही प्रशासन को कहा था कि अगर मेरे किसी रिश्तेदार का नाम किसी गलत काम में आता है, तो किसी दबाव में न आएं। कानून के अनुसार कार्रवाई करें। मैं नियमों का पालन करने वाला कार्यकर्ता हूं और आगे भी रहूंगा।”

उन्होंने कहा कि वे रविवार रात मुंबई जाएंगे और पार्थ से इस पूरे मामले पर बातचीत करेंगे। “हर व्यक्ति अनुभव से सीखता है, पार्थ को भी इस घटना से सीखनी चाहिए।”

अजित पवार ने जांच का किया समर्थन

अजित पवार ने खुद को पार्थ पवार की भूमि सौदे से पूरी तरह अलग बताते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के आदेश दिए हैं — यह उनका अधिकार है, और मैं इस कदम का पूरा समर्थन करता हूं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी किसी अधिकारी को यह निर्देश नहीं दिया कि उनके रिश्तेदारों या करीबियों को किसी लाभ का फायदा मिले।

शिवसेना ने जांच का स्वागत किया

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा —“राज्य सरकार ने मामले की प्रशासनिक जांच के आदेश जारी किए हैं। यह पारदर्शिता का स्वागत योग्य कदम है।”

राजनीतिक असर
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। एनसीपी (अजित गुट) और महायुति सरकार पहले से विपक्ष के निशाने पर है, ऐसे में पार्थ पवार का नाम सामने आने से विपक्ष इसे “पावर फैमिली में घोटाला” करार दे रहा है। हालांकि अजित पवार ने साफ कहा कि वे किसी भी तरह के भ्रष्टाचार या ग़लत काम के पक्ष में नहीं हैं।

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