– हेड मास्टरों को बोरा बेचने और कुलपति का वेतन रोकने जैसे आदेश शर्मनाक

– सरकार और राजभवन में टकराव वाले फैसले दुर्भाग्यपूर्ण

– अतिसक्रिय नौकरशाहों को नियंत्रण में रखें मुख्यमंत्री 

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 19 अगस्त 2023 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के मनमाने फैसलों के कारण प्राथमिक स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक अराजकता-अनिश्चितता की स्थिति है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्कूल के हेड मास्टरों को मिड-डे मील का खाली बोरा कबाड़ में बेच कर पैसे जुटाने का फरमान और  एक विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रतिकुलपति का वेतन रोकने के आदेश शिक्षा विभाग की मनमानी कार्रवाई के ताजा नमूने हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अपने अतिसक्रिय नौकरशाहों को नियंत्रण में रखना चाहिए, ताकि न शैक्षणिक वातावरण बिगड़े और न राजभवन से टकराव की स्थिति पैदा हो। 

 सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए , जो उसके अधिकार क्षेत्र में न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने पहले विश्वविद्यालयों में चार साल का डिग्री कोर्स शुरू करने की कुलाधिपति-सह- राज्यपाल की पहल का विरोध किया और अब बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति-प्रतिकुलपति का वेतन रोकने की कार्रवाई कर अपनी हदें पार कीं। 

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सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्री वालों के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने पर रोक लगाकर केवल डिप्लोमाधारी ( डीएलएड) को नियुक्ति करने का आदेश दिया। इस मुद्दे पर बिहार सरकार और शिक्षा विभाग ने चुप्पी साध ली।उन्होंने कहा कि 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के बारे शिक्षा विभाग की अतिसक्रियता क्यों नहीं दिखती? 

 सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के फैसले जब सरकार और राजभवन के बीच टकराव की तरफ जा रहे हैं, तब मुख्यमंत्री को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। 

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