बोधगया और गोरखपुर में छापा,पांच लाख नगद जब्त

रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 17 नवम्बर 2021 : पटना ।  मगध विश्वविद्यालय के  कुलपति डा.राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर आज विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी में 30 करोड़ की धांधली पकड़ाई है।कुलपति के बोधगया स्थित कार्यालय  एवं आवास और से गोरखपुर  स्थित घर तक छापेमारी हुई है।आरोप है कि अपने लोगों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर काली कमाई की। इसके लिए कुलपति ने फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाए, जो लोग ड्यूटी करते ही नहीं थे, उनके नाम पर अपने लोगों से फर्जी सिग्नेचर कराए। कुलपति ने पिछले 3 सालों में 30 करोड़ की काली कमाई की । 

 कुलपति और उनके चहेतों का विश्वविद्यालय के जिन लोगों ने साथ  नहीं दिया, वैसे लोगों को किसी न किसी प्रकार का गंभीर आरोप लगाकर नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद  वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के भी कुलपति रहे हैं। दोनों ही जगहों पर उन्होंने अवैध तरीके से खूब कमाई की है।  तब जाकर 16 नवंबर को पटना में FIR दर्ज की गई। कोर्ट से परमिशन मिलने के बाद टीम ने सुबह बोध गया से लेकर गोरखपुर तक में छापेमारी की।

 कुलपति ने दोनों  विश्वविद्यालयों में परीक्षा के  प्रश्न पत्र, उसकी कॉपी के साथ-साथ सुरक्षा के नाम पर बहाल किए गए सिक्योरिटी गार्ड की संख्या व उनकी सैलरी को लेकर को धांधली की है।
कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि जिन फाइलों को स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अधिकारी बोध स्थित युनिवर्सिटी के ऑफिस में खोज रहे थे, वो सारी फाइलें कुलपति के गोरखपुर स्थित घर पर मिली। कुलपति के घर से 5 लाख रुपए नगद मिले हैं, जिसे जब्त कर लिया गया है। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद 1 करोड़ रुपए से अधिक के चल-अचल संपत्ति के मालिक निकले हैं। इनके घर से कई और डॉक्युमेंट्स हाथ लगे हैं। इनकी पड़ताल की जा रही है।

कुलपति के काले कारनामे में पीए सुबोध कुमार, आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के फाइनेंशियल ऑफिसर ओम प्रकाश, पटना स्थित पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और  लखनऊ के मेसर्स पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट व मेसर्स एक्सलिकट सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक शामिल हैं।इसी वजह से इन सभी को नामजद करते हुए IPC की धारा 120B, 420, R/W की धारा 12 के सेक्शन 13(2) & 13(B) और PC एक्ट 1988 के तहत FIR दर्ज की गई। फिर स्पेशल विजिलेंस कोर्ट से कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी हुई। ADG के अनुसार, कुलपति के सभी एसोसिएट्स की भूमिका की पड़ताल चल रही है। जरूरत के अनुसार इनके ठिकानों पर भी छापेमारी होगी।

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