आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 23 फरवरी 2022 : करगहर (रोहतास)। प्रचलित धारणा है कि भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है।वास्तविकता यह है कि भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष नही अपितु पंथनिरपेक्ष है।धर्म यहां रिलीजन पर्याय नही कर्तव्यवाची है।उक्त बातें सच्चिदानन्द महाविद्यालय शाहमल खैरा देव में चल रहे सेमिनार के तहत भारतीय संविधान की विशेषताएँ एक पुनरावलोकन पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम के दौरान बुधवार को राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष फ्रोफेसर राकेश रौशन ने अपने सम्बोधन में कही।उन्होंने कहा कि आज के समस्याओं के संदर्भ में देखना होगा कि दिक्कत संविधान में है या हम नागरिकों में क्रियान्वित करने वाले में।कार्यक्रम का उद्धघाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सतीश नारायण लाल ने द्वीप प्रज्वलित कर किया।कार्यक्रम का अध्यक्षता प्राचार्य डॉक्टर सतीश नारायण लाल,संचालन प्रोफेसर राजेश्वर प्रसाद तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह ने किया।अध्यक्षीय संबोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सतीश नारायण लाल ने कहा कि इस व्याख्यानमाला के द्वारा इस पिछड़े व निष्क्रिय शैक्षिक माहौल को जीवंत करने में यह आयोजन काफी सफल रहा है।प्रश्नोत्तर के द्वारा प्रतिदिन छात्रों और शिक्षकों की उत्कृष्ट मेधा को देखकर हृदय गदगद हो जाता है।हमे पूर्ण विश्वास है कि आनेवाले दिनों में हमारे छात्र-छात्राएँ अपनी प्रतिभा के द्वारा सफलता के शिखर को चूमेंगे।इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर गौरीशंकर राम,प्रोफेसर श्यामनंदन प्रसाद,डॉक्टर पंकज कुमार चौधरी,प्रोफेसर आमोद प्रकाश चतुर्वेदी,डॉक्टर संजय कुमार, शिक्षकेतर कर्मचारियों में शिवकुमार प्रसाद,राधेश्याम सिंह,अम्बुज कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार,सत्येन्द्र कुमार, अखिलेश कुमार राय,अजीत कुमार पटेल,अमलेश कुमार शर्मा,राकेश कुमार, मनीष कुमार,शौरभ कुमार,पीयूष कुमार राय,चितरंजन कुमार एवं छात्र-छात्राओं में रौशनी खातून,रौशनी कुमारी,आरजू परवीन,निरंजन कुमार, नीतीश,अभिषेक कुमार,स्नेहा कुमारी, सपना कुमारी,अंजली कुमारी,नितिका,ज्योति सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
