आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 22 अगस्त 2022 : पटना : बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को नौकरी की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। सड़क पर अपनी मांग लेकर उतरे लोग CTET, STET पास कर चुके उम्मीदवार थे। उनकी मांग है कि शिक्षक भर्ती का प्राथमिक नोटिफिकेशन जारी हो। बता दें कि एक दिन पहले ही राज्य के शिक्षामंत्री ने शिक्षा विभाग में साढ़े तीन लाख भर्तियों का ऐलान किया था। बिहार में सरकार बदलने के बाद किसी प्रदर्शन पर पुलिस का ऐसा बल प्रयोग देखने को मिला। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे की आड़ लेकर खुद को बचाना चाहा, लेकिन पुलिस ने कोई रहम नहीं किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से तिरंगा छीनकर दुबारा उन पर लाठियां तोड़ीं।

दरअसल, 5000 से अधिक CTET और BTET पास अभ्यर्थी डाक बंग्ला चौराहे पर प्रदर्शन करने जुटे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें खदेड़ने लाठी चार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारी असातवें चरण की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। लेकिन इससे पहले ही वहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स और वाटर कैनन तैनात कर दी गई थी। जब ये अभ्यर्थी बिहार के नए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, तभी पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। CTET, BTET पास इन अभ्यर्थियों की मांग थी कि प्राथमिक विज्ञप्ति जारी की जाए।

2019 के एसटीईटी परीक्षा में पास शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि वे मेरिट लिस्ट वाले हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी समस्या नहीं सुलझाई है। ये लोग नई सरकार बनने के बाद राजभवन तक मार्च करने निकले थे, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। बिहार में एसटीईटी परीक्षा 8 साल बाद हुई थी। नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया। जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा हुई, लेकिन 2-3 सेंटरों पर गड़बड़ियो की शिकायत मिलने के बाद एग्जाम कैंसल कर दिया गया था। सितंबर 2020 फिर से एग्जाम हुआ था। तब ये ऑनलाइन हुई थी।

एक हफ्ते पहले बंपर भर्ती का ऐलान
एक हफ्ते पहले 15 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि राज्य में 20 लाख भर्तियां की जाएंगी। जिसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जानकारी देते हुए बताया था कि इन भर्तियों में से सबसे ज्यादा भर्ती शिक्षा विभाग में होगी। इस विभाग में साढ़े तीन लाख पद भरे जाएंगे। डाक बंगले पर प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों की मांग है कि पिछले 3 साल से 7वें चरण की शिक्षक बहाली अटकी हुई है। इसलिए सरकार को ऐलान की बजाय आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए।
क्या है शिक्षक भर्ती का पूरा मामला
दरअसल, साल 2006 से बिहार में शिक्षक भर्ती चल रही है। इसे कई चरणों में बांटा गया है। तीन साल पहले 2019 में आखिरी बार 6ठें चरण में भर्तियां की गई थी। तब 94 हजार भर्तियां निकाली गई थीं लेकिन नियुक्ति सिर्फ 42 हजार पदों पर ही की गई। साल 2022 में उन्हें नियुक्ति पत्र मिला। जबकि 50 हजार से ज्यादा पद खाली रह गए। अब तीन साल बीत चुके हैं लेकिन इस भर्ती को लेकर किसी तरह का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। उम्मीदवार बेरोजगार हैं और उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द इन भर्तियों को पूरा करे।
उम्मीदवारों की क्या है डिमांड
इस भर्ती का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों की डिमांड है कि खाली बची सीटों को जल्द से जल्द भर्ती की जाए। यानी 7वें चरण की भर्ती जल्द ही शुरू की जाए। उनकी एक और मांग यह है कि इस भर्ती में आवेदन की प्रकिया को ऑनलाइन किया जाए ताकि उम्मीदवारों की ज्यादा भागदौड़ न करनी पड़े और उनके गैरजरूरी खर्च भी न हो। बता दें कि बिहार में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। उम्मीदवारों को नौकरी पाने के लिए अलग-अलग नियोजन इकाई में जाकर आवेदन करना पड़ता है। राज्य में 8 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं। इसके अलावा नगर परिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद जैसी इकाईयां भी हैं। अब जो भी उम्मीदवार आवेदन करना चाहता है वह खुद इन जगहों पर जाकर आवेदन करे या फिर पोस्ट के जरिए अपना आवेदन फॉर्म भेजे। नियुक्ति की ज्यादा संभावना हो, इसलिए एक अभ्यर्थी कम से कम 100 से 150 नियोजन इकाईयों में आवेदन करता है। इससे उनके काफी खर्चे होते हैं और परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
