रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 23 मार्च 2021 : पटना | बिहार विधानसभा के इतिहास में आज पहली बार सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सदन के अंदर पुलिस बुलानी पड़ी. विधानसभा के नया इतिहास रचा गया.यह काला अध्याय है. बिहार विधानसभा के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ था। विपक्ष के विधायकों ने सदन और भवन के गलियारों में जमकर उपद्रव किया। विपक्ष के विरोध और हंगामा के कारण पांच बार सदन की कार्य वाही स्थगित हुई. कक्ष में बंधक बने स्पीकर को को घेर कर धरना पर बैठे विपक्षी विधायकों को हटाने के लिए डीएम और एसएसपी को बड़ी संख्या में महिला-पुरुष जवानों के साथ बुलाया गया. सदन के बाहर दो घंटे के हंगामा के बीच विधायकों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की के बाद बल प्रयोग कर कई विधायकों को जबरन पोर्टिको में घसीट कर बाहर किया गया. इसमें कई विधायकों को पुलिस ने लप्पड़-थप्पड़ भी किया.
विपक्ष ‘विधेयक वापस लो’ के नारे के साथ मुख्यमंत्री के विरुद्ध नारे बुलंद करता रहा. सदन में रिपोर्टर्स टेबल और कुर्सियां तोड़ दी गयी. विधेयक फाड़ दिया. उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद जब सीएजी की रिपोर्ट पेश कर रहे थे, उनसे फाईल छिनने का असफल प्रयास हुआ. सात महिला विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के समीप डटे रहकर कार्यवाही रोकने की कोशिश की. पुलिस और एसआरएएफ महिला-पुरुष से सदन के अंदर विधायकों ने हाथापाई की .अध्यक्ष के कुर्सी के आगे माले विधायक खड़े हो गए. सदन में प्राय: सभी मंत्री मौजूद थे. तेजप्रताप यादव सहित कई विधायक सदन के अंदर वीडियो बना रहे थे. 12 विधायकों को पुलिस की सहायता से सदन से बाहर करने के बाद स्पीकर सदन में पहुंचे.उन्होंने भारी शोर शराबा के बीच कहा कि तोड़फोड़ करने वाले पर कार्रवाई होगी. सम्पूर्ण विपक्षी सदस्यों के सदन से वाकआउट के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में पहुंचे.बिहार विशेष पुलिस सशस्त्र बल विधेयक, 2021 बिना किसी संशोधन के पारित हो गया विधेयक को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा . उन्होंने कहा की तीन लाख लोगों द्वारा चुनकर किसी विधायक को विधानसभा भेजा जाता है. लेकिन वैसे विधायकों को आज विधानसभा में पीटा गया. उन्होंने कहा की विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के रूप में काला कानून लाया गया है. पुलिस के पहले ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है. 26/11 की घटना का हवाला देते हुए तेजस्वी ने कहा की जब मुंबई पुलिस कार्रवाई कर रही थी. उस समय उनके पास कोई वारंट नहीं था. मुख्यमंत्री इस विधेयक को लेकर बेवकूफ बना रहे हैं. जब मैं बोलने जा रहा था. तब इस विधेयक पर बोलने नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में बताया कि नए चुनकर आये विधायकों को ट्रेनिंग देने की जरुरत है. विपक्ष को पूरा विधेयक पहले पढ़ लेना चाहिए. उसके बाद सदन में उसपर बहस करना चाहिए. लेकिन बिना किसी जानकारी के इसका विरोध किया जा रहा है. उन्होंने कहा किझ जिसे काम दिया गया है. उसे अधिकार भी मिलना चाहिए. कई राज्यों की पुलिस को ऐसा अधिकार दिया गया है. बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक,2021 के उद्देश्य एव॔ हेतु के संबंध मे बताया है कि सीआईएसएफ के तर्ज पर गिरफ्तारी और तलाशी करने की शक्ति सशस्त्र पुलिस बल को देने की आवश्यकता है। बीएमपी की अभी 16 बटालियन हैं।इसके अलावा महिला सशस्त्र वाहिनी, बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन, अश्वारोही सैन्य पुलिस, विशेष भारतीय रिजर्व बटालियन, राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल-1 और 2 हैं। सबों के नाम विशेष सशस्त्र पुलिस हो जायेगी।विधेयक के प्रावधान के तहत विशेष सशस्त्र पुलिस को बिना वारंट गिरफ्तार करने और तलाशी लेने की शक्ति होगी। गिरफ्तारी के बाद अनावश्यक विलंब के बिना गिरफ्तारी के प्रसंग से संबंधित परिस्थितियों के प्रतिवेदन के साथ निकट के पुलिस स्टेशन तक ले जायेगा। विधान परिषद में कल इस विधेयक को पेश कर पारित कराने की तैयारी है.


