रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | जमुई | Updated: 17 नवंबर 2025: बिहार के जमुई जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां खैरा अंचल कार्यालय द्वारा जारी अतिक्रमण हटाने के नोटिस में एक व्यक्ति का नाम ‘पानी टंकी’ और पिता का नाम ‘नल-जल योजना’ लिखा हुआ है। यह सरकारी नोटिस सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण बनकर चर्चा का विषय बना हुआ है।

खैरा अंचल कार्यालय द्वारा यह नोटिस भंडरा गांव के अतिक्रमण मामले में जारी किया गया था। नोटिस के मुताबिक “श्रीमान पानी टंकी, पिता/पति का नाम नल-जल योजना, साकिन—भंडरा, थाना—खैरा, डाकघर—नरियाना, जिला—जमुई” को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कागज़ात के साथ कार्यालय में उपस्थित हों।

नोटिस देने वालों की हालत खराब, पता ढूंढना हुआ मुश्किल

नोटिस तामिल कराने वाले कर्मचारी ने जब इस पते को ढूंढने की कोशिश की, तो वह परेशान हो गया।

ना ‘पानी टंकी’ नाम का कोई व्यक्ति मिला, और न ही ‘नल-जल योजना’ नाम का कोई पिता!

इसके बाद यह नोटिस गांव के लोगों के हाथ लगा और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग इसे प्रशासनिक सिस्टम की लापरवाही बताकर मज़ाक उड़ा रहे हैं।

कैसे हुआ इतनी बड़ी गलती?

अंचल कार्यालय ने अतिक्रमण हटाने के लिए कई लोगों को नोटिस जारी किए थे।

इसी क्रम में एक नोटिस उस जगह के नाम से बना दिया गया, जहां सरकारी नल-जल योजना की पानी की टंकी मौजूद है।

तंत्र ने जगह के नाम को ही “नाम” और योजना को “पिता का नाम” मानकर नोटिस तैयार कर दिया।

नोटिस में साफ लिखा है:

•             नाम – पानी टंकी

•             पिता/पति का नाम – नल-जल योजना

यह सरकारी दस्तावेज़ ज्ञापांक 104, दिनांक 23.01.24 के तहत जारी किया गया था।

अंचल अधिकारी ने माना—मानवीय भूल

इस मामले पर खैरा अंचल अधिकारी विश्वजीत कुमार ने सफाई देते हुए कहा:

•             मामला संज्ञान में आ चुका है

•             यह मानवीय भूल का परिणाम है

•             यह नोटिस उनके पूर्व कार्यकाल का है

•             अब इसकी जांच कराई जाएगी

उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी गलतियां दोबारा न हों, इसके लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़

नोटिस वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग मज़ेदार कमेंट कर रहे हैं—

•             “बिहार में टंकी भी वोटर बन सकती है!”

•             “अब पानी टंकी भी कोर्ट में पेश होगी क्या?”

•             “पानी टंकी का आधार कार्ड भी बनवा दीजिए!”

लोग इसे भ्रष्टाचार और लापरवाही पर तंज कसने का बड़ा मौका मान रहे हैं।

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