
By Rohtas Darshan Digital Desk | पटना | Updated: November 6, 2025 :
पहले चरण में 121 सीटों पर हुआ शांतिपूर्ण मतदान, शाम 6 बजे तक वोटिंग जारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में गुरुवार को 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ।
शाम 5 बजे तक औसतन 60.13% मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया, जबकि कुछ मतदान केंद्रों पर शाम 6 बजे तक वोटिंग जारी है।
चुनाव आयोग के अनुसार, राज्यभर में मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ इलाकों में तकनीकी गड़बड़ियों और धीमी वोटिंग की शिकायतें सामने आईं।
जिलावार वोटिंग प्रतिशत (शाम 5 बजे तक):

विधानसभावार वोटिंग: मीनापुर में 73.29% से रचा रिकॉर्ड
विधानसभा स्तर पर सबसे अधिक मतदान मीनापुर सीट (मुजफ्फरपुर जिला) में हुआ,
जहां 73.29% वोटिंग दर्ज की गई। वहीं पटना की कुम्हरार सीट पर मात्र 39.52% मतदान हुआ — जो पूरे पहले चरण में सबसे कम रहा।
प्रमुख उम्मीदवारों की सीटों पर मतदान प्रतिशत:

मतदान के रुझान: युवाओं और महिलाओं की बढ़ी भागीदारी
चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक,
• इस बार महिलाओं और युवा मतदाताओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
• ग्रामीण इलाकों में मतदान प्रतिशत शहरी क्षेत्रों से 10–15% अधिक दर्ज हुआ।
• दोपहर के बाद बूथों पर लंबी कतारें दिखीं, जिससे अंतिम मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
सुरक्षा व्यवस्था और मतदान केंद्रों की स्थिति
• राज्य के 45,341 मतदान केंद्रों पर चुनाव शांतिपूर्ण रहा।
• इनमें से 36,733 ग्रामीण और 8,608 शहरी केंद्र शामिल हैं।
• संवेदनशील बूथों पर CRPF और बिहार पुलिस की संयुक्त तैनाती रही।
• केवल कुछ केंद्रों पर EVM खराबी की शिकायतें मिलीं, जिन्हें तुरंत बदला गया।
विश्लेषण: पहले चरण में NDA को बढ़त या विपक्ष को फायदा?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार,
• उच्च मतदान प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में एनडीए के लिए शुभ संकेत हो सकता है,
क्योंकि वहां नीतीश कुमार की “लाभार्थी योजनाओं” का असर दिखा है।
• वहीं, शहरी और युवा मतदाताओं में राजद और कांग्रेस गठबंधन को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
• मीनापुर, राघोपुर और सहरसा जैसे इलाकों में तेजस्वी यादव की अपील असरदार दिखी।
संपादकीय टिप्पणी (Rohtas Darshan View):
पहले चरण का मतदान प्रतिशत यह संकेत देता है कि
बिहार की जनता इस बार बदलाव और स्थिरता — दोनों मुद्दों पर बंट सकती है।
जहां एनडीए “विकास बनाम जंगलराज” के नारे पर चुनाव लड़ रहा है,
वहीं विपक्ष “महंगाई और बेरोजगारी” को लेकर मैदान में है।
अगले दो चरणों के मतदान तक यह रुझान ही
2025 के बिहार चुनाव का निर्णायक टोन सेट करेगा।


