रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : जो मनुष्य अपना उद्धार करना चाहता है, अपना कल्याण करना चाहता है सबसे पहले नित्य प्रातःकाल ब्रम्ह बेला में जगना चाहिए। इसका मतलब सूर्योदय से डेढ़ घंटा पहले जग जाना चाहिए। चाहे बीमार, रोगी ही क्यों न हो। जग करके श्री हरि बोलकर तीन बार उच्चारण करना चाहिए। ऐसा करने से जाने अनजाने में जो अपराध हो जाता है या होने की संभावना है वह अपने आप में मार्जन होता है। क्योंकि जो हम शरीर से पाप नही करते हैं उतना हम स्वप्न में करते हैं। तब अपने हाथों का दर्शन करके परमात्मा का प्रार्थना करना चाहिए। हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी की कृपा होती है। मध्य भाग में सरस्वती की कृपा होती है। हाथ के मुल भाग का दर्शन करने से गोविंद नारायण की कृपा होती है।

जिस दिन कोई पर्व हो उस दिन दातुन से मुहं नही धोना चाहिए।

दिन में उत्तर की तरफ रात में दक्षिण की तरफ मुंह करके लघुशंका तथा शौच करें। फिर हाथ पैर धोकर जल से कुला करके दंत धावन करें। इसके बाद सोलह कुला करना चाहिए। जिस दिन कोई पर्व हो उस दिन दातुन से मुहं नही धोना चाहिए। शास्त्र का नियम है। उस दिन केवल सोलह कुला कर लेने से हीं मुहं की पवित्रता हो जाती है। 

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