नोखा। सूखा व गीला कचरा रखने की योजना को ग्रहण लग गया है। शहर को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता अभियान के तहत दिये गये बाल्टी व डस्टबिन को कचरा रखने की जगह घरेलू उपयोग किया जा रहा है। जिससे यह योजना फ्लॉप साबित हो रही है। नोखा नगर पंचायत में तो वर्ष 2018 में बाल्टी व डस्टबिन की खरीद की गयी नतीजा वार्डों में जगह जगह खाली जगह पर सुखे कचरों का ढेर लगा रहता है। इसे समय समय पर जलाकर उस कचरे को नष्ट किया जाता है। लेकिन नगर पंचायत में जो बाल्टी व डस्टबिन की खरीद की गयी वह लोगों के घरों व मोटर गैरेजों की शोभा बढ़ा रहा है। नगर पंचायत के सभी वार्डों के प्रत्येक घरों व दुकानों के लिए बाल्टी की खरीद की गयी थी तथा नोखा में मुख्य चौक पर बड़ा बड़ा डस्टबिन रखा गया था। घरों के लिए एक सुखा व दूसरा गीला कचरा रखने के लिए दो बाल्टी दिया गया था। कुछ दिनों तक तो डस्टबिन का इस्तेमाल लोगों द्वारा किया गया लेकिन उसके बाद उसका कोई अता पता नहीं चला। वह किसी के घरों का तो किसी के मोटर गैरेज का शोभा बढ़ाने लगा। जबकि बाल्टी का इस्तेमाल लोग अपने घरों में करने लगा। बाल्टी व डस्टबिन खरीद पर लाखों रुपये खर्च किये गये थे। अब कचरा को सड़क पर ही रख दिया जाता है। सफाई नहीं होने पर कचरे का ढेर सड़क पर जमा हो जाता है। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी बसंत कुमार ने बताया कि डोर टू डोर कचरा का उठाव कराया जा रहा है। गीला कचरा से कम्पोस्ट कीट का निर्माण वार्ड नं. 1 में किया जा रहा है। सूखा कचरा के लिए मैटेरियल रिकॉवरी सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है।

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