आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 15 मार्च 2022 : डेहरी-ऑन-सोन । अखिल भारतीय संतमत सत्संग के 110 वां वार्षिक महाधिवेशन समापन के दिन सोमवार को आचार्य महर्षि हरिनंदन जी परमहंस जी महाराज ने अपने संत वचन से देश के विभिन्न प्रदेशों से आए महर्षि मेंही भक्तों को संत उपदेश देते हुए की कहा कि केवल धन से ही धर्म नहीं होता। धर्म करने के लिए धार्मिक मन और भावना भी आवश्यक है । धन बहुत लोगों के पास है लेकिन धार्मिक भावना नहीं होने से धर्म नहीं कर पाते हैं।उन्होंने ने कहा कि जब दृष्टि गलत रास्ते की ओर भटक जाती है तो, उसको एक एकाग्रचित्त करने हेतु मानस जाप ही संभव है। मानस मंत्र ही जीवन को सुरक्षित रखता है। वही जीवन की मुक्ति है संतमत सत्संग ही आवश्यक है संत की महिमा एवं गुरु के बगैर मानव कल्याण संभव नहीं है। इस संतमत सत्संग में संत वचन देने वालों में महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज, गुरु प्रसाद, अच्युतानंद बाबा, रघुनंदन बाबा, सुबोध आनंद महाराज, सत्य प्रकाश महाराज, रमेश दास ,आत्मानंद बाबा, प्रमोद बाबा, स्वामी भागीरथ बाबा स्वामी विवेकानंद, स्वामी प्रमोद बाबा सहित कई अन्य सन्त भी मौजूद थे। इस मौके पर 110 वा संतमत सत्संग महाधिवेशन के अध्यक्ष पवन झुनझुनवाला ,महासभा के संरक्षक दीनबंधु यादव, अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल, दिव्य प्रकाश यादवेंद्र, सहित आयोजक सदस्य संत शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, श्रवण कुमार अटल, अर्जुन केसरी, सन्तोष सोनी, दिलीप गुप्ता, चंदन शर्मा, गुड्डु चंद्रवंशी सहित कई अन्य सदस्य मौजूद थे कार्यक्रम समापन के बाद संतमत महाधिवेशन में शामिल सभी संत महात्माओं को विधिवत अंग वस्त्र देकर विदाई की गई वही विभिन्न प्रदेशों से आए महर्षि मेंही भक्तों को प्रसाद वितरण की गई । इस बीच मंच से घोषणा की गई की अखिल भारतीय संतमत सत्संग की 111 वां महाधिवेशन अगली बार भागलपुर के नवगछिया में आयोजित की जाएगी । जिसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगा।
