वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं.
द्रौपदी मुर्मू ने सबसे पहले राजघाट पर जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 25 जुलाई 2022 : दिल्ली : चीफ जस्टिस एनवी रमना ने 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद की शपथ दिलाई.संसद भवन का केंद्रीय कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिंदी में भाषण दिया। उनके संबोधन में आदिवासी समाज की झलक थी, तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र था। उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत का गरीब सपने देख सकता है और उसे पूरा भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिए प्रारंभिक शिक्षा हासिल करना भी सपने जैसा था लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली व्यक्ति थी। राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान कई बार संसद का केंद्रीय कक्ष तालियों से गूंजता रहा।
वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं.
64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर शीर्ष संवैधानिक पद संभालने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला बनने के बाद इतिहास रच दिया है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुर्मू के गृहनगर ओडिशा के रायरंगपुर में गुरुवार से ही जश्न का माहौल है. उनके शपथ ग्रहण समारोह को मनाने के लिए उनके गांव के लोगों ने आज कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है. निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2015 में झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाली पहली महिला थीं. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से दो बार की भाजपा विधायक रहीं. जब बीजू जनता दल ने भाजपा के समर्थन से ओडिशा में सरकार बनाई थी उस समय उन्हें नवीन पटनायक कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का विविध प्रशासनिक अनुभव है.