आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 02 जनवरी 2022 : दिल्ली : दिल्ली जीएसटी विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों ने 1 जनवरी को 347 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया। चेन में कुल टैक्स चोरी 40 करोड़ रुपये के करीब होने की उम्मीद है। फर्जी जीएसटी बिलिंग घोटाले में 11 फर्में शामिल पाई गईं । ये कंपनियां टैक्स से बचने के लिए धोखाधड़ी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के लिए सर्कुलर ट्रेडिंग में लिप्त हो जाती थीं और फर्जी बिल जारी करती थीं। ये फर्में वास्तव में माल की आपूर्ति किए बिना नकली या फुलाया चालान जारी करने में भी संलग्न होंगी और उन्होंने नकदी में बेहिसाब लेनदेन भी निपटाया था । प्रवर्तन अधिकारियों ने आगे पाया कि इनमें से कई फर्में केवल एक व्यक्ति की हैं और हो सकता है कि प्रवर्तन प्राधिकारियों द्वारा पता लगाने से बचने के लिए लंबी कर श्रृंखलाएं बनाई जा सके ।
अधिकारियों ने पाया है कि इन 11 फर्मों में से चार ने एक ही आईपी एड्रेस के साथ कंप्यूटर से टैक्स रिटर्न फाइल किया था। इसके अलावा छह फर्मों के पास एक ही कॉन्टैक्ट नंबर था और चार एक ही ईमेल-आईडी का इस्तेमाल कर रहे थे । अन्य दो फर्मों के पास भी एक ही बैंक खाता संख्या थी । विभाग के निरीक्षकों द्वारा कराए गए गुप्त सत्यापन में ग्यारह फर्मों में से कोई भी अपने पंजीकृत पते पर मौजूद नहीं पाया गया। एमएस सुपर स्टील इंडिया लिमिटेड के मालिक मयंक जैन को फर्जी जीएसटी बिलिंग घोटाले के सरगनाओं में से एक माना जा रहा है। उसे दिल्ली राज्य जीएसटी विभाग ने 1 जनवरी को गिरफ्तार किया था और न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जांच की प्रगति के रूप में और अधिक गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है ।
