
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | नई दिल्ली | Updated: 11 नवंबर 2025: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण ने एक बार फिर आमजन और सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (DoE) ने मंगलवार को बड़ा निर्णय लिया है। अब कक्षा 5 तक के सभी स्कूलों — सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी — में पढ़ाई हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में कराई जाएगी।
एक्यूआई 400 पार, ग्रैप-3 लागू
दिल्ली-एनसीआर की हवा मंगलवार सुबह “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 9 बजे तक 425 पहुंच गया। इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 को तुरंत लागू करने के आदेश जारी किए।
शिक्षा निदेशक वेदिता रेड्डी का आदेश
दिल्ली की शिक्षा निदेशक वेदिता रेड्डी (IAS) द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है— “सभी स्कूलों में कक्षा 5 तक के बच्चों की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएंगी। जहां संभव हो, ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी, अन्यथा सीमित संख्या में बच्चों को स्कूल आने की अनुमति दी जा सकती है।” यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और अगले निर्देश तक जारी रहेगा।
स्कूलों को निर्देश: बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता
सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण का कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि— बच्चों के अभिभावकों को तुरंत सूचना दी जाए।
• स्कूलों में एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम, मास्क वितरण और सीमित आउटडोर एक्टिविटीज़ की व्यवस्था की जाए।
कक्षा 6 से 12 तक फिलहाल स्कूल खुले रहेंगे
हालांकि अभी कक्षा 6 से 12 तक के लिए स्कूल खुले रहेंगे, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया है कि यदि प्रदूषण स्तर और बढ़ता है और GRAP-4 लागू होता है, तो इन कक्षाओं के लिए भी स्कूल बंद या पूरी तरह ऑनलाइन मोड अपनाया जा सकता है।
दिल्ली की हवा फिर खतरनाक स्तर पर
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में हवा की गति बेहद धीमी रही, जिससे प्रदूषक तत्व वातावरण में जम गए। रविवार तक AQI 380 था, जो मंगलवार सुबह 425 तक पहुंच गया। सबसे खराब हवा आनंद विहार, पंजाबी बाग, आरके पुरम और बवाना में दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है। विशेषज्ञों ने बच्चों को सुबह-सुबह बाहर खेलने से रोकने और एन-95 मास्क के उपयोग की सलाह दी है।


