
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | सरायकेला/नई दिल्ली | Updated: 13 नवंबर 2025: झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की बड़ी कार्रवाई सामने आई है।
सरायकेला उप-मंडल में डाक विभाग के एक सहायक को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई के अनुसार, यह कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर पूर्व नियोजित ट्रैप ऑपरेशन में की गई। आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत इस शर्त पर मांगी थी कि उसे कमलपुर शाखा डाकघर के अंतर्गत ग्रामीन डाक सेवक (सहायक शाखा डाकपाल – GDS ABPM) के पद पर नियुक्ति की अनुमति दी जाएगी।
कैसे हुआ ऑपरेशन: ‘ट्रैप प्लान’ में फंसा आरोपी
सीबीआई की विशेष टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद जाल बिछाया और 20 हजार रुपये की राशि स्वीकार करते ही आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया। एजेंसी ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है और उससे पूछताछ जारी है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई 11 नवंबर 2025 को दर्ज FIR के आधार पर की गई थी।
एजेंसी अब आरोपी के बैंक खाते, कॉल रिकॉर्ड और संपत्ति विवरण की जांच कर रही है ताकि रिश्वतखोरी के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
डाक विभाग में बढ़ती शिकायतें, सीबीआई की नजर
हाल के महीनों में डाक विभाग से जुड़े कई भ्रष्टाचार मामलों में सीबीआई ने सक्रिय जांच शुरू की है।
सूत्रों का कहना है कि ग्रामीण डाक सेवाओं में पोस्टिंग और ज्वाइनिंग को लेकर रिश्वत मांगने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। केंद्रीय एजेंसी अब इन मामलों को “सिस्टमेटिक करप्शन नेटवर्क” के रूप में जांच रही है।
पिछला मामला: CCL अधिकारी भी पकड़ा गया था
इसी सप्ताह सीबीआई ने झारखंड के सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL), डाकरा परियोजना कार्यालय में तैनात
कार्मिक-मानव संसाधन प्रबंधक को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि अधिकारी ने नियुक्ति के आवेदन पर कार्रवाई करने के बदले ₹1.5 लाख की मांग की थी और ₹50 हजार रुपये की पहली किस्त लेने पर सहमति दी थी। सीबीआई ने जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया और उसके कार्यालय व आवास पर छापेमारी की, जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए।
सीबीआई की आधिकारिक प्रतिक्रिया
सीबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा — “भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के हर मामले में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
किसी भी सरकारी पद का दुरुपयोग करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
राजनीतिक और प्रशासनिक एंगल
भ्रष्टाचार के इन मामलों पर झारखंड की राजनीति भी गर्माने लगी है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि राज्य में प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर हो गया है, और निचले स्तर पर “भ्रष्टाचार की जड़ें फैलती जा रही हैं।”
वहीं, सत्तारूढ़ दल का कहना है कि सीबीआई की कार्रवाई प्रशासनिक पारदर्शिता का उदाहरण है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के चुनावी माहौल में ऐसी कार्रवाइयाँ राज्य सरकार की छवि पर बड़ा असर डाल सकती हैं।
मुख्य बिंदु एक नज़र में
इस पूरे मामले में सीबीआई ने सरायकेला उप-मंडल के एक डाक सहायक को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। यह कार्रवाई 11 नवंबर 2025 को दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। आरोपी पर आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता से ग्रामीण डाक सेवक (सहायक शाखा डाकपाल – GDS ABPM) पद पर ज्वाइनिंग की अनुमति देने के बदले रिश्वत मांगी थी। सीबीआई ने आरोपी के कार्यालय और घर पर छापेमारी कर कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं। इससे पहले सीबीआई ने झारखंड में ही CCL के मानव संसाधन प्रबंधक को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। दोनों मामलों को एजेंसी एक “संगठित भ्रष्टाचार नेटवर्क” के रूप में देख रही है।


