आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 23 फरवरी 2022 : सासाराम : शंकर ज्ञान महायज्ञ श्री तिलेश्वर नाथ मंदिर शंकरपुरी तकिया सासाराम के प्रांगण में द्वितीय दिवस के अवसर पर प्रथम प्रवचन कर्ता स्वामी रामगहना नंद बाबा के द्वारा जैसा खाए अन्न वैसा बने मन कथा के माध्यम से उद्घाटित किया गया जो व्यक्ति करोड़ों का गहना संबंधित व्यक्ति खोज कर दे दिया वह एक होटल मे चोरी का अन्न खाने पर चम्मच चुरा लिया द्वितीय प्रवचन कर्ता श्री दीनानाथ जी द्वारा जी द्वारा संस्कार परंपरा होती जा रही है जो हमारे संस्कृति का मूल आधार है मानव को महामानव बनाने की परंपरा है जिसको जीवन बनाने के लिए गर्भाधान एवं पुंसवन संस्कार पर आर्ष ग्रंथों का उदाहरण देकर उद्घाटित किया। बच्चों का 80% निर्माण उसके गर्भकाल में ही हो जाता है इसीलिए गर्भ में संतान ना जाने पर सजग हो जाना चाहिए। थोड़ी सी असावधानी अपने पीढ़ी के लिए खतरनाक हो जाएगा।

श्री रत्नेश जी महाराज ने बड़े ही मार्मिक ढंग से बाल्मीकि रामायण के माध्यम से रामचरितमानस का वर्णन किया उन्होंने बताया कि विश्व में सबसे प्रमाणिक संस्कृति भगवान राम के चरित्र से शुरू होता है विश्व में कोई ऐसा नहीं है जो रामचरितमानस का तुलना कर सके तो मैं कौन हूं? इस प्रश्न को समझाने का प्रयास किया गया और प्रेरणा दी गई कि आप दूसरों को जानने का प्रयास करते हैं लेकिन जो अपने आप को जान जाए वह धन्य हो जाता है इसीलिए आप सभी लोग इस समय जरूर इस जगह पर सोचे कि मैं कौन हूं अयोध्या महिमा का वर्णन किया बड़ा ही मार्मिक कथा के माध्यम से जनमानस का लोकरंजन किया
और अंत में स्वामी रामेश्वर मिश्रा जी द्वारा शिव कथा कही गई।

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