तिलौथू (रोहतास) : तिलौथू प्रखण्ड क्षेत्र में सोमवार को गोवर्धन पूजा बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। श्री कृष्ण चेतना परिषद के बैनर तले पूजा का आयोजन किया गया। गौ पालकों ने गायों को नहला कर उसके सींग में घी लगाए। रोली का तिलक भी लगाया। प्रखण्ड क्षेत्र के पतलुका , मिर्जापुर , लोहराडीह सहित अनेक गांवों में गोवर्धन पूजा किया गया। भगवान कृष्ण की भी पूजा की गई। कोरोना संक्रमण को लेकर बड़ी दंगल प्रतियोगिता या अन्य कार्यक्रम नहीं हुए।
वही गोवर्धन पूजा के बारे में मान्यता है कि देवराज इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा करने की बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया। जब इंद्र को इस बात का पता चला तो उन्होंने पूरे गोकुल गांव को नष्ट करने व कृष्ण को अपनी शक्तियों का परिचय देने के लिए भारी बारिश करा दी। गांव में हाहाकार मच गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया और ग्रामीणों की रक्षा की। सात दिन तक लगातार इंद्र ने अपना कहर बरपाया, लेकिन किसी भी ग्रामीणों को क्षति नहीं पहुंची। तब से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में काफी संख्या में लोग गोवर्धन भगवान की पूजा करते है।
