आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 15 February 2025 : पटना। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत के बाद पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता बेहद उत्साहित हैं। दिल्ली में मिली इस जीत को भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भी सकारात्मक संकेत मान रही है। एनडीए के नेताओं का कहना है कि दिल्ली का चुनाव सिर्फ एक झांकी था, जबकि असली चुनावी लड़ाई अब बिहार में होगी, जहां वे 225 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं।

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इसी बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पटना में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा और एनडीए के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का बिहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

लालू यादव ने चुनौतीपूर्ण लहजे में कहा, “भाजपा बिहार में सरकार कैसे बना लेगी? हम लोग के रहते भाजपा सत्ता में आ सकती है क्या? जनता भाजपा की नीतियों को अच्छी तरह समझ चुकी है। अब वह कभी बिहार की सत्ता में नहीं लौटेगी।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की नीतियां गरीबों, किसानों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता भाजपा के वादों और नीतियों से पूरी तरह वाकिफ हो चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारा जवाब मिलेगा।

दिल्ली में मिली जीत के बाद भाजपा और एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से शुरू कर दी हैं। भाजपा और उसके सहयोगी दलों का लक्ष्य 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में कम से कम 225 सीटों पर जीत हासिल करना है। एनडीए के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों के दम पर वे आसानी से यह लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।

भाजपा की विधायक और अंतरराष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज श्रेयसी सिंह ने कहा, “दिल्ली में कांग्रेस पूरी तरह साफ हो गई, और बिहार में यही हश्र महागठबंधन का होगा। तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को जनता नकार चुकी है। एनडीए एक मजबूत गठबंधन है और जनता का पूरा समर्थन हमारे साथ है। बिहार में अगली सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बनेगी।”

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

  • भाजपा और एनडीए – भाजपा, जदयू और अन्य सहयोगी दल विकास, सुशासन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • राजद और महागठबंधन – दूसरी ओर, राजद, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन का पूरा फोकस बेरोजगारी, महंगाई और जातीय समीकरणों पर है।

भाजपा का मानना है कि दिल्ली चुनाव में उनकी शानदार जीत बिहार में भी वोटरों को प्रभावित करेगी और एनडीए को सत्ता में वापसी का रास्ता आसान करेगी। वहीं, राजद और विपक्षी दलों का दावा है कि बिहार के मुद्दे अलग हैं और दिल्ली चुनाव का कोई प्रभाव यहां नहीं पड़ेगा।

अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता किसे अपना समर्थन देती है। क्या भाजपा और एनडीए अपनी 225+ सीटों के लक्ष्य को पूरा करने में सफल होगी, या फिर लालू यादव और तेजस्वी यादव के दावे सही साबित होंगे और बिहार में सत्ता परिवर्तन होगा? इसका फैसला तो चुनावी नतीजे ही करेंगे।

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