आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 05 मई 2022 : दिल्ली : भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के उन आँकड़ों को खारिज कर दिया है जिसमें इसने कहा है कि भारत में कोरोना से सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं। डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच भारत में कोरोना से 47 लाख ‘अतिरिक्त’ मौतें हुई हैं। वैसे भारत सरकार का आधिकारिक आँकड़ा क़रीब 5.2 लाख ही है। यानी डब्ल्यूएचओ का मौत का आँकड़ा भारत के आधिकारिक आँकड़ों का क़रीब 10 गुना ज़्यादा है। और यह वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई मौतें हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आँकड़ा 1.5 करोड़ है। यानी आधिकारिक आँकड़े 60 लाख से दोगुने से भी अधिक।

भारत ने डब्ल्यूएचओ के कोरोना महामारी से जुड़े अतिरिक्त मृत्यु अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के उपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसने कहा है कि इस्तेमाल किए गए मॉडलों की वैधता व सटीकता और डेटा की कार्यप्रणाली संदिग्ध हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इस मुद्दे को विश्व स्वास्थ्य सभा और ज़रूरी बहुपक्षीय मंचों पर उठा सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत लगातार डब्ल्यूएचओ द्वारा गणितीय मॉडल के आधार पर अधिक मृत्यु दर अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताता रहा है। बयान में कहा गया है, ‘इस मॉडलिंग अभ्यास की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है।भारत ने डब्ल्यूएचओ से यह भी कहा था कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानी सीआरएस के माध्यम से प्रकाशित प्रामाणिक डेटा की उपलब्धता को देखते हुए गणितीय मॉडल का उपयोग भारत के लिए अतिरिक्त मृत्यु संख्या को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उसने कहा था कि सीआरएस का आँकड़ा पूरी तरह पुष्ट है और इसका इस्तेमाल देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होता रहा है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने इन आँकड़ों को कोरोना मौत के आँकड़ों से जोड़ दिया। उन्होंने कह दिया कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली के आँकड़े संकेत देते हैं कि 2020 में कोरोना मौत के मामले शायद वास्तविक मौत की संख्या से काफ़ी अलग नहीं थे। उनका यह बयान तब आया है जब पिछले महीने ही एक रिपोर्ट आई थी कि पूरी दुनिया में कोरोना से मारे गए लोगों की वास्तविक संख्या बताने के डब्ल्यूएचओ के प्रयास को भारत रोक रहा था। 

यह 2020 में भारत में जन्म और मृत्यु की वास्तविक संख्या नहीं है, बल्कि केवल वे जन्म और मृत्यु हैं जो पंजीकृत हुए हैं। इसके अलावा इन आँकड़ों में यह नहीं कहा गया है कि किसकी कोरोना से मौत हुई है और किसकी दूसरी अन्य वजहों से। एक बड़ा तथ्य यह भी है कि हाल के वर्षों में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण में लगातार वृद्धि हुई है। बहरहाल, कोरोना से मौत के आँकड़ों से इसकी तुलना नहीं की जा सकती है। वो भी सिर्फ़ इसलिए कि भारत में मौत का अनुमान ज़्यादा बताया जा रहा है।

https://youtu.be/dtGfLMsY2Ww

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network