केंद्र सरकार की ओर से 50 हजार रुपये दिये जाने की घोषणा हुई -मुख्यमंत्री

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 11 अप्रैल 2022 : पटना। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत की। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों में राज्य सरकार ने कुछ महीने पहले ही राहत दी थी। राज्य सरकार के पास इतना संसाधन नहीं है कि इसको लेकर तुरंत कुछ कहा जाय। यह पूरे देश का मसला है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर पहले भी केंद्र सरकार ने पहले निर्णय लिया और राज्यों को भी ऐसा करने को कहा। इसको लेकर बिहार समेत कई राज्य सरकारों ने भी निर्णय लिया। पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक बार फिर से बढ़ रही है तो इस संबंध में आगे निर्णय लिया जायेगा। अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि तत्काल इस पर कोई फैसला लिया जाए। अगर कीमतें बढ़ रही है तो केंद्र सरकार जरुर इस पर सोचेगी। अभी यह कहना मुश्किल है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ती ही रहेगी या फिर घटेगी। इस संबंध में केंद्र की ओर से ही सारी बातें सामने आयेंगी। कीमतें बढ़ने से लोगों की थोड़ी समस्याएं बढ़ जाती है। ऐसा हो सकता है कि कुछ दिनों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतें नॉर्मलाइज हो। इस संबंध में तत्काल कुछ भी कहना संभव नहीं है। कोरोना से मृत व्यक्तियों के परिजनों को मुआवजा एवं विशेष सुविधा दिये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में जब कोरोना से लोगों की मृत्यु होने लगी उसी समय अप्रैल के महीने में हमलोगों ने 4 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया था। उसी समय से मुआवजा दिया जा रहा है। इसके बाद जब केंद्र सरकार की ओर से 50 हजार रुपये दिये जाने की घोषणा हुई तो बिहार में 4 लाख रूपये के अतिरिक्त और 50 हजार रुपये और दिये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर निगरानी करता है कि मुआवजा राशि के भुगतान से कोई वंचित नहीं रहे। आज भी कई लोगों ने बताया है कि मेरे परिवार में कोरोना से डेथ हुआ लेकिन मुआवजा नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग इन सब चीजों को देखेगा ताकि कोई मुआवजा राशि से वंचित नहीं रहे। हमलोगों की कोशिश है कि कोरोना से प्रभावित सभी परिवारों को 4.50 लाख रुपये की सहायता राशि जरुर मिले। ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। कोरोना की पहले जैसी गंभीर स्थिति अभी नहीं है। कोरोना के तीसरे दौर के समय इसका प्रभाव कम था और यह दौर काफी जल्द खत्म हो गया। बिहार में काफी तादाद में कोरोना की टेस्टिंग हो रही है। देश के औसत से ज्यादा कोरोना की टेस्टिंग बिहार में हो रही है। प्रति 10 लाख की आबादी पर औसत टेस्टिंग बिहार में ज्यादा हो रही है। राज्य सरकार की तरफ से कोरोना टेस्टिंग को लेकर लगातार लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। बिहार में काफी लोगों का टीकाकरण किया गया है। कोरोना के इलाज को लेकर कहीं कोई दिक्कत नहीं है। कोरोना को लेकर लोगों को अलर्ट किया जाता है कि कोरोना से संबंधित कोई समस्या सामने आती है तो तत्काल अस्पताल में जाकर इसका इलाज करायें। कोरोना को लेकर अभी लोग निश्चिंत हो गये हैं लेकिन कहीं-कहीं कोरोना के केस में बढ़ोत्तरी देखी गयी है। इसको लेकर सबको अलर्ट रहना पड़ेगा। अभी माननीय प्रधानमंत्री जी का भी बयान आ गया है कि कोरोना से सबको अलर्ट रहना है, नहीं तो खतरा हो सकता है। कोरोना को लेकर हमलोगों की तैयारी निरंतर है। कोरोना की टेस्टिंग को लेकर भी हमलोग अलर्ट हैं। प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट मेरे पास आती है। कुछ दिन पहले पटना में कम टेस्टिंग हो रही थी, हमने टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया। संसद में पारित क्रिमिनल प्रोसिजियर (आइडेंटिफिकेशन) बिल के दुरुपयोग होने से संबंधित सवाल का जवाब दते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार और पार्लियामेंट का है। जहां तक इस कानून के दुरुपयोग के प्रश्न की बात है तो उस पर पुलिस और प्रशासन के लोग ध्यान देंगे। अभी कानून में संशोधन की बात आई है तो उसका गाइडलाइन और पूरा निर्देश जारी होगा। आज कल नई टेक्नोलॉजी आ गई है। कोई अपराध करता है तो उसके बारे में पूरी जानकारी रखनी ही चाहिये, उससे ये पता चलेगा कि कोई गड़बड़ी तो नहीं कर रहा है। प्रशासन के लोग इस पर कार्रवाई करते हैं। इसके बारे में जो नियम उन्होंने बनाये हैं, संशोधन किये हैं तो ये केंद्र सरकार का अधिकार है। ये उन्हीं के दायरे की बात है। ये राज्य की बात नहीं है, जो एक्ट बनेगा वो पूरे देश के लिये है। गंगा नदी की सफाई से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें हमलोग लगे हुए हैं, इसकी समीक्षा करवाते रहते हैं। जब बचपन में हम बख्तियारपुर में गंगा नदी में नहाने के लिए जाते थे तो हम वहीं से पीने के लिए पानी भी लेकर आते थे। चारो तरफ से गंदा पानी जाने की वजह से आज कल गंगा नदीं के जल में खराबी तो आ ही गई है। कहीं से गंगा में गंदा पानी न जाए, इसको लेकर हमलोगों ने समीक्षा की है ताकि इस पर तेजी से काम हो। हमलोग चाहते हैं कि पानी में कोई गड़बड़ी नहीं हो और पानी स्वच्छ हो। गंगा जल को तीन-चार जगहों पर पहुंचाने के लिए हमलोगों ने योजना बनायी है और उस पर तेजी से काम चल रहा है। बरसात के समय चार माह गंगा के जल को तीन-चार जगहों पर स्टोर किया जायेगा, जिसे शुद्ध कर इसे पेयजल के रुप में सप्लाई करेंगे। बोधगया, गया, राजगीर और नवादा में पानी की समस्या है तो इन सब जगहों के लिए यह काम किया जा रहा है। इतना नीचे से लोग पानी को निकाल रहे हैं, अगर इससे मुक्ति मिलेगी तो जल का लेबल ठीक रहेगा। अभी कुछ जगहों पर इसको शुरु किया गया है, अगर इसमें सफलता मिलेगी तो आगे पटना के लिए भी यह व्यवस्था करेंगे। पत्रकारों द्वारा केंद्रीय राजनीति में जाने के संबध में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बातों का कोई मतलब नहीं है इन सब का कोई अर्थ भी नहीं है। आप जानते हैं कि हम निजी यात्रा घूमने निकल रहे हैं। हम 16 साल से राज्य की सेवा कर रहे हैं। जिनलोगों ने हमें बहुत पहले सहयोग दिया है, हमें भीतर से लग रहा था कि जिसने इतना आगे बढ़ाया, सांसद बनाया, उनसे जाकर मिलें। काम तो हमलोग पूरे बिहार के लिये करते हैं लेकिन मेरे मन में इच्छा थी कि हम एक बार जाकर उनलोगों से मिलें। बीच में कोरोना का तीसरा दौर आ गया था, उसके चलते देर हुआ था। भीषण गर्मी में भी हम घूम रहे हैं। हम अपना सारा काम करते रहते हैं उसके साथ-साथ चारो तरफ जाकर घूम लेते हैं। घूमने से एक फायदा है कि बड़ी संख्या में लोगों से मुलाकात होती है। लोगों को भी खुशी होती है, हमें भी अच्छा लगता है। उसमें कुछ लोग अपनी समस्या भी बताते हैं, हम सबकी बातों को सुनते हैं। कहीं किसी इलाके के विकास के लिये भी और कुछ बात सामने आती है तो उसे देखते हैं। आप देख ही रहे थे कि हम कितना ज्यादा घूम रहे थे। आप लोगों में से भी कुछ लोग जाते ही हैं, उनसे पूछिये कि कितने लोगों से कैसे मिलते हैं, कितना समय लगता है, भीषण गर्मी में भी लोग खड़े रहते हैं। हमलोग मिलकर काम कर रहे हैं ये सब बात बेकार है। कहां पर किस चीज को लेकर कौन क्या बोलते रहता है हम देखे भी नहीं हैं। उन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत भी नहीं है। उन सबको इगनोर करिये, कोई खास बात नहीं है। कांग्रेस पार्टी के नेता श्री राहुल गांधी द्वारा सत्ता में कोई इंटरेस्ट नहीं होने की बात कहे जाने के सवाल का जवाब देत हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी पार्टी चलाना उनलोगों को काम है। अपनी पार्टी के बारे में काई क्या सोचता है उसमें हमको क्या हस्तक्षेप करना है। जैसा काम कर रहे हैं उस हिसाब से तो आप देख ही रहे हैं कि वो कहां जा रहे हैं। जिसको जो मन करे सो करे। उस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। जिसको अपनी पार्टी के बारे में जो इच्छा हो, जो करने का मन करे सो करे इसमें हम क्या कमेंट करेंगे। जातिगत जनगणना के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की आपस में बातचीत हुई है, सभी लोग व्यस्त थे। उसके लिये हमलोग पहले से ही बात किये हुए हैं। 

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