रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 04 मई 2021 : पटना : कोरोना को आमजनों के साथ साथ अब बिहार सरकार के अधिकारी भी हल्के में लेने लगे हैं। इसलिए तो कोरोना से बिगड़ते हालात को नियंत्रण करने के उद्देश्य से जिन लोगों की प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी के रूप में की गयी थी, अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने के कारण उन्हीं पर FIR दर्ज हो गयी।

दरअसल कोरोना संक्रमितों में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि के मद्देनजर पटना एम्स प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर वहां आने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बेहतर इलाज एवं वहां विधि व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से पटना एम्स में बने नियंत्रण कक्ष में 3 दंडाधिकारी – संजीत कुमार (कृषि समन्वयक दुलहिन बाजार), दिलीप ठाकुर (पीआरएस फुलवारीशरीफ), शशि कुमार (पीआरएस फुलवारीशरीफ) की प्रतिनियुक्ति की गई थी। 30 अप्रैल को इन तीनों दंडाधिकारियों की खोज किये जाने पर ये तीनों अपने कर्तव्य से अनुपस्थित पाए गए थे जिस कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों के दाखिला में देरी भी हुई साथ ही विधि व्यवस्था भी बिगड़ गयी।

महामारी की रोकथाम एवं बेहतर इलाज जैसे अतिसंवेदनशील कार्य से संबंधित कर्तव्य में लापरवाही बरतना, बिना किसी को सूचित किये अनुपस्थित रहना तथा आदेश की अवहेलना के आरोप में इन तीनों दंडाधिकारियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, द एपिडेमिक डिसेसज एक्ट, 1897 की धाराओं तथा आईपीसी (IPC) की धारा 188 के साथ साथ अन्य अन्य धाराओं में एफ आई आर (FIR) दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि बिहार में हर ओर आमजन कोरोना से कराह रहें हैं। अस्पताल प्रशासन की अव्यस्थाओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्ति बनती जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड खत्म हैं, दवाइयां खत्म हैं, श्मशानों में लाशें सड़ रहीं हैं और आम लोगों को इन सब में सहायता करने के लिए जिन लोगों को प्रतिनियुक्त किया जा रहा है वे खुद अपने कर्तव्यों से मुंह चुराकर भाग रहें हैं। ऐसे में अपने कर्तव्यों को लेकर लापरवाह लोगों पर इस तरह की सख्त कार्यवाई से निश्चित तौर पर इन जैसों को एक कड़ा संदेश जाएगा।

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