रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | फरीदाबाद | Updated: 14 नवंबर 2025:

फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी हाल ही में दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच के चलते राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गई है। जांच एजेंसियों द्वारा पूछताछ के दौरान इस यूनिवर्सिटी के चांसलर और संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी का नाम सामने आया है। जावेद सिद्दीकी का सफर जितना लंबा है, उतना ही विवादों से घिरा भी रहा है—जामिया के लेक्चरर, बिजनेसमैन, जेल यात्रा और अब एक बार फिर जांच के दायरे में।

जावेद सिद्दीकी की शिक्षा और शुरुआती जीवन

61 वर्षीय जावेद अहमद सिद्दीकी का जन्म 15 नवंबर 1964 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से इंडस्ट्रियल और प्रोडक्ट डिजाइन में बीटेक किया। पढ़ाई पूरी होने के बाद उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया।

साल 1993 में उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया में मैकेनिकल इंजीनियरिंग लेक्चरर के तौर पर नौकरी शुरू की। लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा एक कॉलेज की नौकरी तक सीमित नहीं रहनी थी। इसी दौरान उन्होंने अपने भाई सऊद के साथ बिजनेस शुरू किया।

लेक्चरर से बिजनेस तक और फिर विवादों की आंधी

जामिया में नौकरी करते हुए जावेद ने कई साथियों को अपने बिजनेस में निवेश करने के लिए राजी किया। भारी मुनाफे का वादा किया गया, लेकिन मामला उलझ गया।

साल 2000 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और गबन के गंभीर आरोप लगे।

जांच में सामने आया कि—

•             निवेशकों के दस्तखत फर्जी बताए गए,

•             कई कंपनियां कागजों में ही बनी थीं,

•             और करोड़ों रुपये कथित रूप से निजी खातों में ट्रांसफर हुए।

आखिरकार जावेद और उनके भाई को गिरफ्तार किया गया और तीन साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। 2005 में कोर्ट ने उन्हें बरी तो किया, लेकिन शर्तों के साथ कि वे सभी निवेशकों का पैसा लौटाएंगे।

जेल से निकलकर यूनिवर्सिटी फाउंडर बनने तक का सफर

जेल से बाहर आने के बाद जावेद ने नए सिरे से शुरुआत की। उन्होंने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना की, जिसका अर्थ है ‘सफलता और समृद्धि’।

साल 2019 में अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज की शुरुआत के बाद यह संस्थान हरियाणा के उभरते शैक्षणिक केंद्रों में शामिल हो गया। आधुनिक सुविधाएं और बढ़ती छात्रों की संख्या ने इसे मजबूत पहचान दिलाई।

कितनी कंपनियों का मालिक है अल-फलाह यूनिवर्सिटी का चांसलर?

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के रिकॉर्ड बताते हैं कि जावेद सिद्दीकी कुल 9 कंपनियों से डायरेक्टर या मैनेजिंग हेड के रूप में जुड़े हैं, जिनमें प्रमुख हैं—

•             अल-फलाह इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड

•             अल-फलाह सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड

•             अल-फलाह कंसलटेंसी सर्विसेज

•             अल-फलाह एक्सपोर्ट्स

•             अल-फलाह एनर्जी लिमिटेड

•             अल-फलाह एजुकेशन सर्विस LLP

•             तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन

इसके अलावा वे कई स्कूल, अनाथालय और मदरसे भी चलाते हैं, जिनकी देखरेख अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है।

कहां-कहां से होती है कमाई?

जावेद सिद्दीकी की आय इन स्रोतों से होती है—

•             विश्वविद्यालय और शैक्षिक संस्थानों से आय

•             सॉफ्टवेयर, कंसलटेंसी और एक्सपोर्ट कंपनियों से कमाई

•             ऊर्जा और एजुकेशन क्षेत्र में प्राइवेट प्रोजेक्ट्स

•             अल-फलाह ट्रस्ट से जुड़े व्यावसायिक संचालन

उनके पास शिक्षा से लेकर ऊर्जा और एक्सपोर्ट तक विविध बिजनेस नेटवर्क है, जो उन्हें करोड़ों रुपये का लाभ देता है।

दिल्ली ब्लास्ट केस में कैसे आया नाम?

हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट की जांच के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों का नाम सामने आया, जिसके बाद जांच एजेंसियों ने चांसलर जावेद सिद्दीकी से भी पूछताछ की है।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने किसी भी संस्थागत संलिप्तता से इंकार किया है और कहा है कि जांच में वे पूरा सहयोग कर रहे हैं।

R D News Network की रिपोर्ट

जावेद सिद्दीकी एक समय जामिया के लेक्चरर से लेकर आज कई कंपनियों और एक यूनिवर्सिटी के मालिक बन चुके हैं। लेकिन उनके करियर पर विवादों का साया बार-बार मंडराता रहा है—और दिल्ली ब्लास्ट केस ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है।

जांच जारी है और आगे की कार्रवाई से साफ होगा कि मामले में उनकी भूमिका क्या है।

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