
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | मुंबई | Updated: 12 नवंबर 2025: मुंबई में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन बुलियन ब्लेज’ के तहत सोना तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई के दौरान 11.88 किलो सोना और 8.72 किलो चांदी जब्त की गई, जिसकी कुल कीमत करीब ₹15.18 करोड़ रुपए बताई जा रही है। डीआरआई ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें इस पूरे तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड भी शामिल है।
चार ठिकानों पर एक साथ छापा, भट्टियां चालू हालत में मिलीं
डीआरआई को गुप्त सूचना मिली थी कि मुंबई में अवैध रूप से सोने की तस्करी और उसे पिघलाकर सिल्लियों में बदलने का काम चल रहा है। इस आधार पर 10 नवंबर को चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। दो जगहों पर अवैध सोना गलाने की भट्टियां और दो अपंजीकृत दुकानें संचालित हो रही थीं। टीम को मौके पर 6.35 किलो सोना मिला और चार ऑपरेटरों को हिरासत में लिया गया। बाद में, जांच आगे बढ़ाने पर मास्टरमाइंड द्वारा इस्तेमाल की जा रही दो दुकानों पर रेड की गई, जहां से अतिरिक्त 5.53 किलो सोना बरामद हुआ।
तस्करी नेटवर्क का खुलासा: पिता, मैनेजर, मजदूर, अकाउंटेंट और डिलीवरी बॉय शामिल
डीआरआई की जांच में सामने आया कि यह एक संगठित और सुनियोजित सोना तस्करी गिरोह है, जिसे एक कारोबारी अपने पिता, मैनेजर, चार गलाने वाले मजदूरों, एक एकाउंटेंट और तीन डिलीवरी बॉय की मदद से चला रहा था।
👉 अकाउंटेंट का काम तस्करी किए गए सोने का हिसाब रखना था, जबकि डिलीवरी बॉय स्थानीय बाजारों में सोने की सिल्लियां पहुंचाते थे। सभी आरोपियों को मुंबई के जेएमएफसी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
विदेश से तस्करी कर भारत में पिघलाया जाता था सोना
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह गिरोह विदेश से सोने की तस्करी कर उसे भारत में पिघलाकर स्थानीय बाजार में बेचता था। इससे भारत की गोल्ड इंपोर्ट नीति का उल्लंघन और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा था।
डीआरआई ने बयान जारी करते हुए कहा — “हम देश में चल रहे ऐसे अवैध सोना तस्करी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह न केवल बाजार व्यवस्था को बिगाड़ते हैं, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता के लिए भी खतरा हैं।”
जप्त माल का मूल्यांकन



