नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित सीआईआई (CII) बिजनेस समिट में ऐसा साहसिक और आत्मविश्वास से भरा बयान दिया, जिसने सिर्फ देशवासियों का मनोबल नहीं बढ़ाया, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी बेचैनी पैदा कर दी है। उनकी दृढ़ता भरी बातें यह संकेत देने के लिए पर्याप्त हैं कि भारत अब किसी भी प्रकार की आक्रामकता का जवाब पूरी ताकत और सटीकता से देगा।

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एयर चीफ मार्शल ने कहा: “एक बार जो मैंने कमिट किया, फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता।”
यह संवाद उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी फिल्म ‘वांटेड’ से उद्धृत किया, लेकिन उनके लहजे और संदर्भ ने इसे युद्धनीति का स्पष्ट संकेत बना दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारतीय वायुसेना सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि अपने हर कमिटमेंट को एक्शन में बदलने में विश्वास रखती है।

ऑपरेशन सिंदूर की गूंज और सेना की रणनीति

हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं रहा, बल्कि अब वह पहले से योजनाबद्ध और सक्रिय रक्षा रणनीति अपनाता है। एयर चीफ ने कहा कि इस अभियान ने यह दिखाया है कि हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और भविष्य के लिए क्या जरूरी है।

तकनीक, आत्मनिर्भरता और सेना की तैयारी

एयर चीफ मार्शल ने भारत की तकनीकी क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा, “हर दिन हम नई तकनीकें खोज रहे हैं, और भविष्य में हम एक राष्ट्र के रूप में अपने सैन्य उद्देश्यों को हासिल करने में सक्षम होंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत द्वारा विकसित किया जा रहा उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) अब निजी उद्योग की भागीदारी के लिए खोल दिया गया है — यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

रक्षा खरीद में देरी पर चिंता

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि कई रक्षा परियोजनाएं देरी का शिकार हो रही हैं, विशेष रूप से स्वदेशी प्रणालियों से जुड़ी परियोजनाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल ‘मेड इन इंडिया’ की बात करना काफी नहीं, अब ‘डिज़ाइन्ड इन इंडिया’ की दिशा में भी तेज़ी से बढ़ना जरूरी है।

समय की मांग: त्वरित कार्यवाही

उन्होंने कहा, “हमें भरोसे के साथ आगे बढ़ना होगा — सेना और उद्योग के बीच खुलापन और सहयोग जरूरी है। अगर आज हमें कुछ चाहिए, तो वह आज ही चाहिए, न कि 10 साल बाद।” यह वक्तव्य स्पष्ट करता है कि भारतीय वायुसेना युद्ध के बदलते स्वरूप और जरूरतों के अनुसार तत्काल कार्यों की मांग कर रही है।

स्पष्ट संदेश: हम तैयार हैं

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने बिना किसी हिचक के कहा कि भारतीय वायुसेना भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन आज की जरूरतों को आज ही पूरा करना आवश्यक है।
“युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि संगठित, सशक्त और आत्मनिर्भर सेनाओं से जीते जाते हैं,” उन्होंने दोटूक कहा।

निष्कर्ष:

एयर चीफ के इस शक्तिशाली और रणनीतिक दृष्टिकोण से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब सुरक्षा नीति के स्तर पर भी बदलाव की दिशा में अग्रसर है। उनके शब्दों और संकल्प ने एक मजबूत संदेश दे दिया है — भारत अब न तो किसी दबाव में काम करता है, और न ही किसी से पीछे हटने वाला है।

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