सात चरणों होने हैं 403 सीटों के चुनाव, चार चरणों 212 सीटों का चुनाव पूरा
उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण में रविवार को 12 जिलों की 61 सीटों के लिए चुनाव होगा।उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट, बाराबंकी, प्रतापगढ़, कौशांबी, अमेठी, गोंडा, रायबरेली, बहराइच, श्रावस्ती और सुल्तानपुर में कल सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी। इस बार 693 प्रत्याशी मैदान में हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ब्रज और बुंदेलखंड होते हुए उत्तर प्रदेश का चुनावी कारवां अब पूर्वांचल की तरफ बढ़ चुका है।
चुनावी मैदान में लड़ाई सिर्फ चार प्रमुख दलों के बीच ही है। जो इस चरण की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब होगा उसके लिए लखनऊ में सत्ता की चाभी पाना आसना हो जाएगा।पांचवें चरण में अयोध्या से लेकर प्रयागराज और चित्रकूट जैसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतदान होना है. अमेठी की पूर्व रियासत के मुखिया संजय सिंह अमेठी में इस बार भाजपा से उम्मीदवार हैं जबकि राज्य के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ जिले की पट्टी, खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह प्रयागराज जिले की पश्चिम विधानसभा सीट, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इसी जिले की दक्षिण सीट, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री गोंडा जिले की मनकापुर (सुरक्षित) और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं.
वर्ष 1993 से ही प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से चुनाव जीत रहे रघुराज प्रताप सिंह इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी के टिकट पर अपनी परंपरागत सीट से चुनाव मैदान में हैं. प्रतापगढ़ जिले में ही अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल समाजवादी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में भाजपा को टक्कर दे रही हैं. कृष्णा पटेल नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां हैं. विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना भी प्रतापगढ़ जिले की अपनी परंपरागत रामपुर खास सीट से किस्मत आजमा रही हैं.
पिछली बार भाजपा ने मार ली थी बाजी
जिन 61 सीटों पर चुनाव होने हैं, 2017 में उनमें से 47 पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। तीन सीट भाजपा की गठबंधन वाली अपना दल (सोनेलाल) के खाते में गई थी। पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी और तीन पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। दो सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती थीं। इसमें एक बाहुबाली कहे जाने वाले राजा भैया थे, तो दूसरी पर उनके ही करीबी माने जाने वाले विनोद सोनकर थे। एक सीट कांग्रेस के खाते में भी गई थी।
पांचवें चरण के चुनाव में भाजपा के लिए 2017 के रिकॉर्ड को बरकरार रखना और 61 में से 47 सीटों पर फिर से जीत हासिल करने की कठिन चुनौती है। इसी चरण में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट बचाने की चुनौती भी भाजपा के सामने है। केशव सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने समाजवादी पार्टी गठबंधन ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल को मैदान में उतारा है। सिराथू में पटेल वोटर्स की संख्या भी काफी अधिक है।
समाजवादी पार्टी के लिए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने की बड़ी चुनौती है। 2012 में सपा को प्रयागराज मंडल की 28 में से 12 सीटें मिली थीं। 2017 में ये घटकर एक रह गई। इस खोए जनाधार को वापस पाना भी सपा के लिए कठिन चुनौती है।
बहुजन समाज पार्टी के लिए भाजपा-सपा को पीछे छोड़कर फिर से सीटों पर कब्जा जमाने की चुनौती है। 2017 में जिन तीन सीटों पर जीत मिली थी, उसे फिर से कायम रखने और यहां अपने जनाधार को वापस हासिल करने की बड़ी चुनौती भी है।
कांग्रेस के लिए एक समय था जब प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली जैसे जिले मजबूत गढ़ में शामिल थे। प्रयागराज के ही फूलपुर सीट से देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु चुनाव लड़ते थे। अब प्रयागराज में पूरी तरह से कांग्रेस साफ हो चुकी है। आसपास के जिलों में भी कोई खास जनाधार नहीं है। अमेठी और रायबरेली में जरूर थोड़ी मजबूत स्थिति रही है, लेकिन अब यहां भी भाजपा और सपा गठबंधन कड़ी चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के सामने अपनी विरासत को बचाने की कड़ी चुनौती है।किन किन तारीख को चुनाव: 10 फरवरी , 14 फरवरी , 20 फरवरी , 23 फरवरी , 27 फरवरी , 3 मार्च और 7 मार्च । मतगणना की तारीख10 मार्च । कितनी सीटों पर चुनाव 403फेज सीट तारीख फेज 1: 58 10 फरवरी फेज 2: 55 14 फरवरीफेज 3: 59 20 फरवरी फेज 4: 59 23 फरवरी फेज 5: 61 27 फरवरी फेज 6: 57 3 मार्च फेज 7: 54 7 मार्च 2022
