इंडिगो एयरलाइन की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के शेयरों में मंगलवार को तेज़ गिरावट देखी गई, जिसकी प्रमुख वजह कंपनी के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल द्वारा की गई बड़ी हिस्सेदारी की बिक्री को माना जा रहा है। बाजार सूत्रों के अनुसार, गंगवाल ने एक ब्लॉक डील के माध्यम से कंपनी के लगभग 2.26 करोड़ शेयर, यानी लगभग 5.8 प्रतिशत हिस्सेदारी, करीब ₹ 11,928 करोड़ में बेच दिए। यह बिक्री ₹ 5,260 प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस पर हुई, जो कि कंपनी के पिछले कारोबारी दिन के क्लोजिंग प्राइस से लगभग 3 प्रतिशत कम है। ब्लॉक डील की खबर के बाद इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों पर दबाव देखा गया। दोपहर के कारोबार में कंपनी का शेयर लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹ 5,308 पर ट्रेड कर रहा था। राकेश गंगवाल ने वर्ष 2022 में इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसके बावजूद वे कंपनी के प्रमुख शेयरधारकों में बने हुए थे। उनके द्वारा समय-समय पर हिस्सेदारी कम करने की प्रक्रिया पहले भी देखी गई है, और इस बार की बड़ी बिक्री बाजार के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।

दिलचस्प बात यह है कि गंगवाल की हिस्सेदारी बिक्री ऐसे समय में हुई है जब इंडिगो ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है:

  • कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट: ₹3,067.5 करोड़ (61.89% की वृद्धि YoY)
  • ऑपरेशनल रेवेन्यू: ₹22,151.9 करोड़ (24.3% की वृद्धि YoY)
  • EBITDAR: ₹6,948.2 करोड़ (57.5% की वृद्धि YoY)
  • EBITDAR मार्जिन: 31.4% (FY24 Q4 में 24.8%)
  • लोड फैक्टर: 87.4% (FY24 Q4 में 86.3%)

हालांकि, पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इंडिगो का कुल शुद्ध लाभ पिछले वर्ष की तुलना में 11.19% गिरकर ₹ 7,258.4 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह ₹ 8,172.5 करोड़ था।

शेयर बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि राकेश गंगवाल की यह बिक्री एक लॉन्ग-टर्म पोर्टफोलियो रियलाइज़ेशन स्ट्रैटेजी हो सकती है, न कि कंपनी की मूलभूत स्थिति पर अविश्वास का संकेत। इंडिगो की वित्तीय स्थिति और बाजार में मजबूत उपस्थिति को देखते हुए, यह डील कंपनी के लिए कोई नकारात्मक संकेत नहीं है, लेकिन शॉर्ट टर्म में शेयर पर दबाव बने रह सकता है।

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