नोखा। नगर पंचायत वार्ड सात के नंदलाल राम दो साल से बेघर की हातल में हैं। लगभग दो साल पहले उसे शहरी आवास योजना के तहत पहली किस्त की राशि मिली। उसने राशि से नींव बनायी और अन्य किस्त मिलने की उम्मीद में लिंटर तक घर को कंप्लीट कर लिया।महाजनों से राशि लेकर यहां तक का काम हुआ। पर नगर पंचायत ने अगली किस्त की राशि नहीं दी। अब हालत यह है कि घर नहीं बना और महाजनों को रुपये देने के लिए जमीन भी बेचने की नौबत आ गयी है। इस हालत में शहर के लगभग दो सौ आवास योजना के लाभुक आ गये हैं। ये गरीब घर की आस में दो साल से बेघर हैं। कड़ाके की ठंड हो या गर्मी की तपिश। बारिश में भींगने की विवशता के बीच जिंदगी जी रहे हैं। लगातार प्राकृतिक कहर को झेलने को विवश इन बेघरों के सब्र की सीमा अब खत्म होने लगी है। अधिकारियों का आश्वासन भी बेअसर हुआ: चुनाव के समय इनके द्वारा किया गया हंगामा और अधिकारियों के द्वारा दिये गये आश्वासन की सीमा भी अब खत्म हो चुकी है। ईओ ने सभी को आधार कार्ड और बैंक से हुए भुगतान के डिटेल्स को जमा करने का आदेश दिया और लाभ देने के लिए कुछ दिनों के समय देने का आग्रह किया। पर इसका भी कुछ नहीं हुआ है। दरअसल पीएम आवास योजना के तहत बनने वाले अपने घर की खुशी में अपना झोपड़ी उजाड़ दिया। किसी को पहले किस्त तो किसी को दूसरी किस्त की राशि मिली, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी किसी को अगली किस्त की राशि नहीं मिली। जबकि नगर पंचायत के खाता में दो करोड़ से अधिक की राशि पड़ी हुई है। और अपने को बेघर कर चुके ये लोग खुले आसमान के नीचे जीने को विवश हैं। इन्होंने अपने प्रतिनिधियों के पास चिरौरी की, दफ्तरों में कर्मी व अधिकारियों से गुहार लगायी पर कहीं से कुछ नहीं हो सका।

मुख्य पार्षद पम्मी वर्मा ने कहा कि बोर्ड की बैठक में उठेगा मुद्दा: एक बार से यह मुद्दा बोर्ड की बैठक में हावी रहेगा। 27 को होने वाली इस बैठक के लिए इसे एजेंडा में शामिल किये जाने की चर्चा हो रही है। चेयरमैन पम्मी वर्मा के इस एजेंडा को बोर्ड की बैठक में इओ बसंत कुमार के द्वारा रखा जायेगा। हालांकि इससे पहले भी सशक्त और बोर्ड की बैठक में यह मुद्दा रख कर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। सशक्त स्थायी समिति सदस्य ने बताया कि गरीबों के लिए इस मुद्दे में उच्चाधिकारी को शीघ्र हस्तक्षेप कर निराकरण करना चाहिए।