रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 15 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे बड़े स्टार प्रचारक बनकर उभरे। महागठबंधन के अभियान में जहां बेरोज़गारी, महंगाई और स्थानीय मुद्दे प्रमुख थे, वहीं सीएम योगी का “अप्पू–पप्पू–टप्पू” वाला बयान चुनाव की पूरी धारा मोड़ ले गया।

योगी की 31 रैलियों में से 27 उम्मीदवार जीतकर आए, यानी स्ट्राइक रेट रहा 87%—जो बिहार चुनाव में किसी बाहरी स्टार प्रचारक का सबसे बड़ा प्रभाव माना जा रहा है।

इसके उलट, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की 22 रैलियों का स्ट्राइक रेट मात्र 9% रहा। मायावती को केवल 1 सीट मिली, जबकि यूपी के बाकी नेता जैसे चंद्रशेखर आज़ाद, स्वामी प्रसाद मौर्य और सुभासपा उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।

 “अप्पू, पप्पू, टप्पू” विवाद कैसे बना चुनावी एजेंडा?

सीएम योगी ने अपने भाषणों में राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए उनकी तुलना तीन बंदरों—अप्पू, पप्पू और टप्पू—से कर दी।

यह बयान रातों-रात सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा मीडिया तक छा गया।

जिस समय महागठबंधन सरकारी नौकरी, युवाओं के मुद्दे और जातिगत समीकरणों पर वोट मांग रहा था, वहां अचानक पूरा चुनाव “बंदर विवाद” पर चर्चा में आ गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है—

“इस बयान ने चुनावी विमर्श को पूरी तरह बदल दिया। विपक्ष के मूल मुद्दे दब गए और भावनात्मक–धार्मिक ध्रुवीकरण का माहौल बन गया।”

NDA के लिए गेमचेंजर साबित हुई योगी फैक्टर

✔ योगी ने बिहार में 31 सभाएं कीं

✔ इनमें प्रचारित उम्मीदवारों में से 27 की जीत

✔ NDA का कुल प्रदर्शन—बंपर बढ़त

यह स्ट्राइक रेट बताता है कि भाजपा ने योगी को बिहार के संवेदनशील क्षेत्रों में उन सीटों पर भेजा, जहां हिंदुत्व और कठोर छवि की राजनीति असर कर सकती थी—और ऐसा हुआ भी।

अखिलेश यादव का सबसे खराब प्रदर्शन

अखिलेश यादव की 22 रैलियों में से केवल 2 उम्मीदवार जीत पाए।

यह सिर्फ स्ट्राइक रेट का आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि बिहार में सपा की पकड़ लगभग नगण्य है।

🔻 जहां योगी–अखिलेश दोनों ने प्रचार किया, वहां नतीजे:

•             सीवान (रघुनाथपुर) – राजद जीती

•             पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) – भाजपा जीती

•             मधुबनी (बिस्फी) – राजद जीती

यानी अखिलेश की उपस्थिति का फायदा कहीं नहीं दिखा।

खेसारी लाल यादव भी नहीं जीत पाए

अखिलेश यादव ने फिल्म स्टार और भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव के लिए बड़ी रैली की, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए। वहीं, सीवान के बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब रघुनाथपुर सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे।

BSP का प्रदर्शन—केवल 1 जीत

मायावती ने कैमूर जिले की भभुआ सीट पर रैली की थी, लेकिन बसपा को 243 में से सिर्फ 1 सीट मिली।

राज्य में BSP को कुल 1.52% वोट मिले।

निष्कर्ष: बिहार में “योगी मॉडल” की धमक

इस चुनाव ने साफ दिखा दिया कि—

•             योगी आदित्यनाथ बाहरी राज्यों में BJP के सबसे प्रभावी प्रचारक हैं

•             बिहार में भी उनकी “कठोर नेता + हिंदुत्व छवि” का असर दिखा

•             महागठबंधन के मुद्दों को “अप्पू पप्पू टप्पू” विवाद ने दबा दिया

अखिलेश, राहुल और तेजस्वी के लिए यह चुनाव एक गहरी चेतावनी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network