आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 03 मार्च 2022 : पटना : बिहार के निजी मेडिकल कॉलेजों में अधिक फीस लिये जाने का मामला उठा। जेडीयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने यह मुद्दा ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया। जेडीयू विधायक ने सदन में सवाल उठाया कि निजी मेड़िकल कॉलेजों में अधिक फीस ली जा रही है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मेडिकल कॉलेज खोल कर कमाई कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को मेडिकल कॉलेजों की फीस कम करने की जरूरत है। इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने नियमों का हवाला दिया। हालांकि सदन को आश्वस्त किया कि सबों की भावना का सरकार ख्याल रखेगी। विस अध्यक्ष ने सरकार से कहा कि यूक्रेन की घटना के बाद सरकार को संज्ञान लेने की जरूरत है। इसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब यह बात सामने आ रही है कि यूक्रेन में बिहार के इतने छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं। इसे तो देश स्तर पर सोचने की जरूरत है। हम लोगों को पहली बार इस बात की जानकारी हुई है।

सीएम नीतीश ने विस में कहा कि यह देखना पड़ेगा, हम लोगों को तो आश्चर्य हो रहा है। आखिर वहां के बारे में बिहार के लोगों को इतनी जानकारी कैसे हो गई ? यह सब सोशल मीडिया का कमाल है। हम तो सोशल मीडिया से पहले वाले हैं। यूक्रेन तो पहले सोवियत संघ का हिस्सा था। वहां तो पहले कम्युनिष्ट पार्टी के लोग जाते थे।  इतने लोग बाहर पढ़ने चले जाते हैं यह तो अब पता चला है। अब पता चला है तो इस पर विचार करेंगे।

वहीं बीजेपी विधाययक नीतीश मिश्रा ने बहस को आगे बढ़ाते हुए पूछा कि बिहार के मेडिकल कॉलेजों में कितनी सीटें हैं। साथ ही फैकैल्टी की स्थिति के बारे में सदन में बताया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी रहती है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सदन में बताया कि बिहार में मेडिकल कॉलेजों में कुल 1850 सीटें हैं, भविष्य में फैकेल्टी की कमी दूर हो यह प्रश्न का समाधान एक दिन में नहीं निकाला जा सकता. पहले अगर पर्याप्त संख्या में मेडिकल कॉलेज खोले गए होते तो न डॉक्टरों की कमी होती न फैकेल्टी की। मंगल पांडेय ने कहा कि 2005 तक 6 मेडिकल कॉलेज थे। इन 16 सालों में 6 खोल दिए और अगले 4 साल में 12 और खोले जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network