नये लोगों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए, 28 नवम्बर के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन हो , अति पिछड़ा रिपोर्ट को सार्वजनिक करो 

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 01 दिसम्बर 2022 : पटना। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 28 नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर बिहार सरकार ने तथाकथित अति पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना, पुरानी अधिसूचना पर ही, नए लोगों को लड़ने का अवसर दिए बिना आनन-फानन में चुनाव की घोषणा कर दी। नीतीश कुमार के अहंकार और अति पिछड़ा विरोधी मानसिकता के कारण फिर एक बार सरकार की फजीहत होने वाली है।

श्री मोदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्टत: अति पिछड़ा आयोग को काम करने से रोक दिया था, उसके बावजूद आयोग को 30 तारीख तक काम करने दिया गया।

अति पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को क्यों नहीं सार्वजनिक किया गया? क्या जनता को यह जानने का अधिकार नहीं है कि कौन सी जातियों को राजनीतिक आरक्षण मिलेगा, किन्हें वंचित किया गया या यथावत स्थिति रहेगी।

जब नई रिपोर्ट आ गई तो नए सिरे से आरक्षण का निर्धारण कर नए सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए था परंतु पुरानी अधिसूचना के आधार पर चुनाव कराया जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि नए उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकना पूर्णतया असंवैधानिक होगा।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए चुनाव कराना चाहिए ताकि नगर निकाय चुनाव को फिर स्थगित नहीं करना पड़े।

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