आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 02 मार्च 2023 : बिक्रमगंज(रोहतास)। धरती पर अगर कलयुग में किसी काम को करने से पुण्य मिलता है तो वह है माता-पिता की सेवा करना । माता-पिता को कष्ट देने वाला कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ता है । उक्त बातें काराकाट नगर पंचायत गोराड़ी गांव में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान प्रवचन देते हुए श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कही । उन्होंने कहा कि मनुष्य जिस दिन जन्म लेता है । उसी समय से तीन प्रकार के ऋण से घिर जाता है । यह तीन ऋण माता-पिता का कर्ज, ऋषि का कर्ज और देवताओं का कर्ज होता है । इसी को हमलोग पितृ ऋण, देव ऋण, ऋषि ऋण भी कहते हैं । माता पिता के तेज से हमलोग पैदा हुए हैं तो हमलोग माता- पिता का कर्जदार हुए । माता-पिता के ऋण से उऋण होने के लिए यह बताया गया है कि कितना भी माता-पिता कड़े स्वभाव के हों बर्दाश्त कीजिए । क्योंकि आपको माता-पिता भी बर्दाश्त किए हैं । पत्नी के प्रति स्नेह रखिए, लेकिन माता-पिता नहीं होते तो पत्नी से स्नेह नहीं होता । जो व्यक्ति माता- पिता को उदास किया, निराश किया, अपमान किया, अवहेलना किया, मारा-पीटा उसका कभी भला नहीं हो सकता है । ऐसा करने वाला नरक का भागी होता है । इसलिए माता-पिता को कष्ट नहीं दीजिए । हमें ऋषि ऋण से मुक्त होने का उपाय पूजा-पाठ करना, हवन करना, ऋषियों को भोजन कराना आदि है ।

प्रवचन सुनने को लेकर गोराड़ी में उमड़ रही भीड़ ।पूरी श्रद्धा से ग्रामीण प्रवचन सुन रहे हैं । श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने बताया कि मनुष्य बनने के लिए कुछ सिस्टम बनाया गया है । कुछ कारण है, सिद्धांत है । ऐसे ही हम मनुष्य नहीं बनते हैं । मनुष्य बनने के लिए शास्त्र में बताया गया है कि केवल मनुष्य के घर जन्म ले लेने से हम मनुष्य नहीं हैं ।

मनुष्यता प्राप्त करने के लिए हमें अलग से शिक्षा प्रणाली पर ध्यान देना पड़ेगा । जैसे गाड़ी खरीद करके सीखा जा सकता है । परंतु सीखने का व्यवस्था गाड़ी के सो रूम में नहीं है । उसी प्रकार हम संसार में ॠषि संतान हैं । मनुष्य हैं, लेकिन मनुष्य हो ऐसा करके हमारे में मनुष्यता है कि नहीं इसके लिए कुछ नियमों को पालन करना पड़ता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network