आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 22 सितम्बर 2022 : पटना ।  हाई कोर्ट में  स्थानीय निकायों में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर  सुनवाई गुरुवार को अधूरी रही । मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ सुनील कुमार व अन्य की ओर से इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई कर रही है . यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरू की गई है । इससे पूर्व इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर,2022 तक सुनवाई कर ले तो उपयुक्त रहेगा । दिसंबर, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती,जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती .तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछडापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा नहीं पार करें । गुरुवार को इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता विकास सिंह हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा ।

कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती,ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए। कोर्ट का कहना था कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 को चुनाव होने हैं इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले, तो उपयुक्त रहेगा । गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में इस मामलें लम्बी सुनवाई हुई,पर सभी पक्षों को बहस करने का अवसर नहीं मिल पाया . इस मामलें पर अगली सुनवाई 28 सितम्बर,2022 को फिर की जाएगी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network