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आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 29 जुलाई 2023 : पटना. रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके परिवार में मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है बीजेपी के प्रयासों के बावजूद भी केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच सुलह नहीं हो पाई है. इन दोनों नेताओं द्वारा रामविलास पासवान पर अपनी-अपनी दावेदारी लगातार जारी है. पटना में रामविलास पासवान पर लिखी एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पशुपति पारस ने अपने आपको रामविलास पासवान का सच्चा वारिस बताया.

लोक जनशक्ति पार्टी दो भागों में बंट गई. चाचा-भतीजे ने पार्टी को बांट लिया लेकिन उसके बाद भी रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी कौन है, इसको लेकर दोनों के अपने दावे हैं. 2024 के रण से पहले हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव कौन लड़ेगा, इस मसले पर भी चाचा-भतीजा का विवाद अभी भी जारी है. चिराग पासवान भले ही रामविलास पासवान के पुत्र होने के नाते अपनी दावेदारी कर रहे हैं लेकिन पशुपति पारस भी अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

बिहार विधान परिषद के सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम ‘सदन में रामविलास पासवान, प्रतिनिधि भाषण और’ पुस्तक के लोकार्पण में बड़ी संख्या में रामविलास पासवान के चाहने वाले जुटे. इसमें केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, भाजपा विधान पार्षद संजय पासवान सहित कई लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम में रामविलास पासवान पर चर्चा के दौरान पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनकी जीवनी के बारे में मुझ से ज्यादा कोई नहीं जानता. मुझ से जायदा उनकी सेवा किसी ने नहीं की. उनकी पूरी जिम्मेदारी मुझ पर थी.

पारस ने यहां तक कह दिया कि यदि वो आज देश के इतने बड़े नेता बने तो उसमे मेरी भी भूमिका है. मैं 1977 में पहली बार एमएलए बना. 7 बार विधायक बना, एमएलसी बना. राम विलास पासवान राज्यसभा में गए तो उन्होंने मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़ने को कहा. तब मैंने कहा था कि चिराग पासवान को या भाभी को चुनाव लड़वा दीजिए लेकिन रामविलास पासवान ने मेरी बात नहीं मानी. उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ तुम पर ही भरोसा है. परिवार के सभी सदस्यों में सबसे ज्यादा मुझे तुम पर भरोसा है, इसलिए तुम हाजीपुर से चुनाव लड़ो, चिराग पासवान जमुई से चुनाव लड़ेगा. पारस ने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं कि रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी मैं ही हूं. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले भी मौजूद थे. उन्होंने भी स्वर्गीय राम विलास पासवान से जुड़ी पुरानी बातो का जिक्र कर उनकी याद ताजा की. उन्होंने कहा कि रामविलास जी 9 बार लोकसभा में रहे. हम लोगों ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट बनाया था, मैं उसका वर्किंग प्रेसिडेंट था. रामविलास पासवान ने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग को जोर-शोर से उठाया था. रामविलास पासवान बिहार के मुख्यमंत्री हो सकते थे लेकिन उन्होंने केंद्र की राजनीति को चुना.

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