आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 07 अक्टूबर 2024 : प्राइवेट स्कूलों के विभिन्न समस्याओं को लेकर आज पुनः प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने बिहार के शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार से उनके सरकारी कार्यालय में मुलाकात कर प्राइवेट विद्यालयों को पेशों पेश आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया एवम उन्हें महत्वपूर्ण निम्न बिंदुओं से अवगत कराया.
(1) RTE के अंतर्गत पढ़ाने वाले विद्यालयों का सत्र 2019 – 20 से 2023 – 24 तक RTE राशि का भुगतान अविलंब कराया जाए।
(2) शिक्षा विभाग द्वारा ज्ञानदीप पोर्टल को 10 दिनों के लिए खोला जाए क्योंकि बहुत से अलभकारि एवम् अभिबंचित समूह के बच्चे ऐसे हैं , जिनका नामांकन अभी किसी भी विद्यालय में नहीं हो पाया है । उन बच्चों एवं अभिभावकों के साथ समस्या यह है कि उन्होंने जिन विद्यालयों का चयन किया था वह विद्यालय उन्हें आवंटित नहीं हुआ । उन्हें किसी अन्य विद्यालय को आवंटित कर दिया गया , जो की स्कूल से दूर है ।
(3) अगले सत्र 2025- 26 से आरटीई के अंतर्गत नामांकन लेने हेतु ज्ञानदीप पोर्टल को फरवरी माह में सक्रिय किया जाए एवं अप्रैल माह के अंत तक नामांकन लेकर बंद कर दिया जाय ताकि बच्चों एवम् विद्यालयों का समय बर्बाद ना हो । उनका नामांकन सही समय पर हो सके और शिक्षा भी समय से उन्हें प्राप्त हो सके।
(4) प्रत्येक बच्चे की सूचना/जानकारी एकत्र करने हेतु केवल एक पोर्टल बनाया जाय। जिससे विद्यालयों का समय , पैसा एवम् शोषण से बचाया जा सके ।
(5) जिन विद्यालयों को यू डायस/क्यू आर कोड/अवधि विस्तार नहीं मिला है उन्हे अविलंब दिया जाय। जिससे की उच्च कक्षा में नामांकन / आरटीई के अंतर्गत नामांकन हेतु बच्चों को परेशानी न हो।
(6) निजी विद्यालयों को अवधि – विस्तार के नाम पर होने वाले शोषण से बचाने के लिए अवधि – विस्तार की समस्या को समाप्त किया जाय ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने माननीय शिक्षा मंत्री से निजी विद्यालयों की उपरोक्त समस्याओं का निदान कराने की पुर्रजोर मांग करते हुए कई जिलों में DO एवम BEO ke द्वारा QR कोड देने हेतु मोटी रकम की मांग करने की शिकायत की है जिसे सुनते ही शिक्षा मंत्री काफी गंभीर हो गए और ऐसे भ्रष्ट ऑफिसर के खिलाफ सख्त कार्यवाई कर उन्हें जेल तक भेजने की बात कही है साथ ही उन्होंने ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों की सूची मांगी है ताकि अतिशीर्ध उनपर करवाई की जा सके।