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आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 18 जुलाई 2023 : पटना। भाजपा विरोधी दलों की बेंगलुरु में होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए सोमवार दोपहर के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पटना से बेंगलुरु के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कोई बात नहीं की।

एनडीए से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम शुरू कर दी थी। नीतीश की मुहिम रंग लाई और 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस समेत 15 दलों के नेता शामिल हुए। इधर, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता की पहली और दूसरी बैठक के बीच मात्र 24 दिनों के भीतर नीतीश कुमार हाशिये पर आ गए, शरद पवार की पार्टी टूट गई, कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर आ गई और बिहार-यूपी में जीतन राम मांझी, ओम प्रकाश राजभर, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए की ओर आने से विपक्ष कमजोर हुआ।

मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता की बेंगलुरू बैठक में जिन आठ नए दलों के जुड़ने की बात कही जा रही है, उनमें चार केरल और चार तमिलनाडु के छोटे-छोटे दल हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के जिन दो राज्यों में भाजपा का प्रभाव बहुत कम है, वहां के इन चंद दलों के विपक्ष के साथ जुड़ने- न जुड़ने से राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं। यह केवल परसेप्शन बनाने का खेल है।

मोदी ने कहा कि अपना घर ठीक करने और टूट का घाव भरने में लगे शरद पवार बेंगलुरू पहुचेंगे भी या नहीं, अभी कहना कठिन है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बेंगलुरू बैठक में भाग लेंगी, लेकिन, सोनिया गांधी की दावत में शामिल न होकर एकता में पड़ी गांठें भी जाहिर करेंगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर केवल भाजपा-विरोध की राजनीति हो रही है। सब अपना-अपना भ्रष्टाचार और परिवारवादी पार्टी का अस्तित्व बचाने में लगे हैं।

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