राज्य में सड़क मार्ग को बेहतर बनाने पर करीब पांच लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल का निर्माण इसी साल से होगा।
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 12 फरवरी 2022 : पटना। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बिहार की सड़कें अगले पांच साल में अमेरिका की तरह होंगी।राज्य में सड़क मार्ग को बेहतर बनाने पर करीब पांच लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। बिहार से पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश के लिए कई एक्सप्रेस-वे का निर्माण होना है रामजानकी मार्ग अयोध्या से सीतामढ़ी के भिट्ठा मोड़ होते हुए नेपाल सीमा तक बनेगा।श्री गडकरी ने भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले नये फोरलेन पुल के बारे में कहा कि इसका निर्माण दिसंबर 2022 तक शुरू हो जायेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह बातें शुक्रवार को मुंगेर के श्रीकृष्ण सेतु का लोकार्पण करने के बाद कहीं।वे दिल्ली से इस कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुये थे।बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मुंगेर में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भोजपुर के कोइलवर का निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। वर्तमान में करीब दो लाख करोड़ रुपये बिहार में सड़क और पुल पर खर्च हो रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम बेहतर कनेक्टिविटी से बिहार के हर शहर हर गांव को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2007 में बनकर तैयार होना थाबता दें कि इस पुल का शिलान्यास 19 वर्ष पूर्व 26 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा किया गया था। जिसे 921 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2007 में बनकर तैयार होना था। परंतु बाद में पुल के एलायमेंट में हुए परिवर्तन एवं अन्य बाधाओं के कारण 19 वर्ष से अधिक का समय लग गया। वहीं लागत भी बढ़कर तीन गुनी हो गई। 19 साल में तैयार हुए पुल की कुल 2777 करोड़ रुपए है। मुंगेर के गंगा नदी पर बने इस पुल का नामकरण बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह (श्रीबाबू) के नाम पर रखा गया है। जिसे श्रीकृष्ण सेतु के नाम से जाना जाएगा।
यह है पुल की खासियत
गंगा पर निर्मित रेल सह सड़क पुल की कुल लंबाई 3.75 किमी है। जबकि इससे जुड़नेवाले एप्रोच पथ अर्थात एनएच 333 की लंबाई 14.517 किमी है। मुंगेर की एप्रोच पथ की लंबाई 9.394 किमी व खगड़िया की ओर एप्रोच पथ की लंबाई 5.198 किमी है। सिर्फ इन एप्रोच पथ के निर्माण पर ही 696 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जिसमें निर्माण पर 227 करोड़ व जमीन अधिग्रहण पर 419 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।