
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 09 मार्च 2023 : पटना : राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार ने वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने के बाद केंद्र ने उनकी सुरक्षा में बढ़ोतरी की है। हाल ही में उन्होंने जेडीयू छोड़कर रालोजद नाम से नई पार्टी बनाई थी। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उनके एनडीए में जाने की अटकलें हैं। उपेंद्र कुशवाहा को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलने से राजनीति महकमे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।


क्या है वाई प्लस श्रेणी सुरक्षा?
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से किये गये प्रावधानों के मुताबिक वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। इसे देने का फैसला राज्य की ओर से आये खुफिया रिपोर्ट के आधार पर भी किया जाता है। खुफिया रिपोर्ट की गंभीरता को केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय तय करता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय अपने नियमानुसार वीवीआईपी और वीआईपी को अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा देता है। देश में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी की सुरक्षा सबसे बड़ी होती है। इसमें 52 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती है। ये कटेगरी पीएम और बाकी अन्य संवेदनशील व्यक्ति को मिलती है। उसके अलावा अन्य वीआईपी के लिए एक्स, वाई, वाई प्लस और जेड प्लस सुरक्षा दी जाती है। जेड प्लस की सुरक्षा वीवीआईपी को दी जाती है। हालांकि संभावित खतरे की गंभीरता को देखते हुए वीआईपी या किसी बड़े चेहरे को जेड या वाई प्लस की सुरक्षा दी जाती है।
विरासत बचाओ यात्रा पर कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा अभी बिहार में विरासत बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं। वे विभिन्न इलाकों में जाकर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं और अपनी नई पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला कि यात्रा के दौरान कुशवाहा की सुरक्षा को खतरा है। इसी कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ाई वाई प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी दी गई है।
एनडीए में शामिल होंगे उपेंद्र कुशवाहा?
नीतीश कुमार से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में जाने की अटकलें हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी आम चुनाव में वे बीजेपी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं। पिछले दिनों बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कुशवाहा के पटना स्थित आवास पर जाकर मुलाकात भी की थी। उपेंद्र की कोइरी-कुशवाहा वोटबैंक में अच्छी पकड़ मानी जाती है। उन्हें अपने पाले में लेकर बीजेपी नीतीश कुमार के लवकुश फैक्टर को कमजोर कर सकती है।
