जनगणना पर रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार सरकार को ताजा झटका
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा-सर्वे है या फिर जनगणना, कहा : हाईकोर्ट में मामला लंबित, वो सुनवाई करेंगे

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 18 मई 2023 : नई दिल्ली/पटना । सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार सरकार ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने पूरे पक्ष को नहीं सुना और जातीय गणना पर तत्काल रोक लगा दिया । सर्वे का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. बिहार सरकार को कुछ समय दिया जाए ताकि सर्वे पूरा किया जा सके. जातीय गणना मामले में पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार सरकार को शीर्ष अदालत से भी झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले 3 जुलाई को पटना हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगी. इसके बाद 14 जुलाई को वह इस मामले में सुनवाई करेगी. इससे पहले जातीय गणना कराने पर पटना हाईकोर्ट के रोक खिलाफ बिहार सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने पूरे पक्ष को नहीं सुना और जातीय गणना पर तत्काल रोक लगा दिया.
मुख्यमंत्री बुलायें सर्वदलीय बैठक, कानून बनाने की पहल करें – अकेले श्रेय लेने की कोशिश भारी पड़ी, मामला कमजोर पैरवी से उलझा
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना पर रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार राज्य सरकार को ताजा झटका है। यदि हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को सुनवाई नहीं की, तो सुप्रीम कोर्ट 13 जुलाई को इस पर सुनवाई कर सकता है। इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलायी जानी चाहिए। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी कर सरकार ने इसे पहले ही उलझा दिया, जिससे इस सर्वे पर अंतरिम रोक लगी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय एनडीए सरकार ने पिछले साल जून में किया था। इस पर मकानों की गिनती के साथ काम शुरू करने में सात महीने की देर क्यों हुई?


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाकर सबको विश्वास में लेना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या प्रश्नावली बनी है, क्या तैयारी है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर जातीय जनगणना के लिए कानून बनाना चाहिए। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना का अकेले श्रेय लेने की मंशा से मुख्यमंत्री ने विपक्ष से संवाद स्थापित नहीं किया और न सर्वदलीय बैठक बुलायी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था और इसके लिए विधान मंडल में दो बार प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक, हर स्तर पर पार्टी समर्थन में खड़ी रही। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के मामले में भी न्यायालय में सरकार की किरकिरी हुई थी और चुनाव टालने पड़े थे।
