आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 अप्रैल 2023 : 30 अप्रैल को रेडियो पर प्रसारित होने वाले मन की बात के 100वें एपिसोड को यादगार बनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए सरकार और बीजेपी ने कमर कस ली है और रूपरेखा तैयार कर ली गई है. पार्टी की तरफ से सभी जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इसे सफल बनाने का जिम्मा सौंपा गया है. सभी सांसदों से कहा गया है कि वो अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में एक चुनी हुई जगह पर लोगों के साथ 30 अप्रैल को इस प्रसारण को सुनें.

रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

इस रेडियो प्रसारण को एक साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों की ओर से सुनने का रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. पार्टी ने सभी सांसदों और विधायकों को ‘मन की बात’ के प्रसारण को सुनने के लिए विशेष इंतजाम करने का निर्देश दिया है. इसके तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल करने, उस इलाके के बुद्धिजीवियों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और पार्टी संगठन के साथ समन्वय के साथ कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. सभी राज्यसभा सांसदों को भी ऐसे ही कार्यक्रम करने का निर्देश दिया गया है. सभी सांसद करीब 1,000 लोगों के साथ इस विशेष प्रसारण को सुनेंगे. 30 अप्रैल से एक दिन पहले यानी 29 अप्रैल को सभी सांसद ‘मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर अपने-अपने इलाके में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने का निर्देश दिया है। पार्टी ने इस प्रसारण के जरिये पीएम मोदी के संदेश को अल्पसंख्यक समुदाय तक पहुंचाने के लिए भी विशेष इंतजाम किया है. इसके लिए पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने देशभर में 2,150 जगहों पर प्रसारण को सुनवाने का इंतजाम किया है. ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए मदरसों और दरगाहों जैसी जगहों पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसके जरिये 4-5 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.

राज भवनों में भी सुना जाएगा कार्यक्रम

सरकारी कार्यक्रमों की बात करें तो अब तक की जानकारी के मुताबिक, देश के हर राज्य के राज भवनों में ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनवाने का इंतजाम किया जा रहा है. राज भवनों में होने वाले कार्यक्रम में उस राज्य के राज्यपाल के अलावा उस शहर और राज्य के करीब 200 गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे. इन कार्यक्रमों में राज्य के उन लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है जिनका नाम प्रधानमंत्री मोदी ने किसी न किसी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लिया था.

कितनी सफल रही ‘मन की बात’?

मन की बात का पहला प्रसारण 2014 में 3 अक्टूबर को हुआ था. अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए किया गया विशेष इंतजाम
पार्टी ने इस प्रसारण के जरिये पीएम मोदी के संदेश को अल्पसंख्यक समुदाय तक पहुंचाने के लिए भी विशेष इंतजाम किया है. इसके लिए पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने देशभर में 2,150 जगहों पर प्रसारण को सुनवाने का इंतजाम किया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए मदरसों और दरगाहों जैसी जगहों पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसके जरिये 4-5 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक किए गए प्रसारण में Selfie With Daughter, घरेलू खिलौनों को प्रोत्साहन और कोविड के समय की गई प्रधानमंत्री की अपील बेहद सफल साबित हुई है.
आईआईएम रोहतक की ओर से किए गए एक सर्वे के मुताबिक पीएम की ओर से मन की बात में उठाए गए सबसे लोकप्रिय विषयों में भारत की वैज्ञानिक उपलब्धि, आम नागरिकों के किस्से, सशस्त्र बलों की वीरता, युवा संबंधित मुद्दे और पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन से जुड़े मुद्दे शामिल हैंइस सर्वे के मुताबिक, हर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में श्रोताओं की संख्या बढ़ती ही गई है. सर्वे में बताया गयाा है कि अब तक 100 करोड़ लोग इस प्रसारण को कम से कम एक बार जरूर सुन चुके हैं जबकि 23 करोड़ लोग इसे नियमित तौर पर सुनते हैं।

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