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आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 31 जनवरी 2024 : रांची । झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के 48 में से 44 विधायकों ने मंगलवार शाम कांके रोड स्थित सीएम हाउस में आयोजित बैठक में सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की है। खबर है कि विधायकों ने प्लान बी पर सहमति जताई है, जिसके तहत हेमंत सोरेन सीएम की कुर्सी छोड़ने की नौबत आने पर वह तत्काल गठबंधन के नए नेता पर निर्णय ले सकेंगे। ऐसे हालात में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम सरकार की कमान संभालने के लिए आगे किया जाएगा या किसी अन्य का, यह तय नहीं हो पाया है।
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हालांकि मंगलवार की दोपहर में आयोजित विधायकों की बैठक में कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं और इसके बाद से ही यह चर्चा तेज है कि अगर ईडी सीएम हेमंत को गिरफ्तार करती है, तो उनकी जगह वह मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगी। बैठक में सत्तारूढ़ गठबंधन के चार विधायक सीता सोरेन, रामदास सोरेन, लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा मौजूद नहीं थे। सीता सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं, जो सीएम पद के लिए कल्पना सोरेन के नाम की चर्चा आने से नाराज बताई जा रही हैं। लोबिन हेंब्रम पहले से ही हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे हैं और उन्होंने बागी तेवर अख्तियार कर रखा है। रामदास सोरेन बीमार हैं और उन्होंने पार्टी को पहले से इस बारे में सूचना दे रखी थी। चौथे विधायक चमरा लिंडा के नहीं पहुंचने की वजह क्या है, यह पता नहीं चल पाया है। रात करीब साढ़े नौ बजे विधायकों की बैठक खत्म होने के बाद सीएम हाउस से बाहर आए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, “हम सभी हेमंत सोरेन की अगुवाई में एकजुट हैं। यह सरकार अपने पूरे कार्यकाल तक चलेगी। कांग्रेस के एक अन्य विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने चट्टानी एकता प्रदर्शित की है। हमें हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर भरोसा है। यह सरकार पांच साल के लिए चुनी गई है और पांच साल तक चलेगी।”बताया जा रहा है कि बैठक में विधायकों ने एक पेपर पर हस्ताक्षर भी किया है, ताकि आपात स्थिति में हेमंत सोरेन की जगह नया नेता चुनकर सरकार बनाने का दावा पेश करने में विलंब न हो।बता दें कि हेमंत सोरेन लगभग 41 घंटे तक “अदृश्य” रहने के बाद मंगलवार दोपहर करीब 1 बजकर 50 मिनट पर रांची में “प्रकट” हुए। वह बीते 27 जनवरी को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली गए थे और 28 जनवरी की रात करीब 10 बजे तक वहां शांति निकेतन स्थित अपने आवास पर ही थे।
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29 जनवरी की सुबह ईडी ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर दबिश दी, लेकिन वे वहां नहीं मिले। देर शाम तक उनकी तलाश की जाती रही। संभवतः उन्हें ईडी की टीम के पहुंचने की खबर पहले ही मिल गई थी और वे गुपचुप तरीके से सड़क मार्ग से करीब 1300 किलोमीटर की यात्रा तय कर रांची पहुंच गए। ईडी सीएम से रांची के एक जमीन घोटाले में दूसरी बार पूछताछ करना चाहती है। बीते 25 जनवरी को ईडी ने सोरेन को दसवीं बार समन भेजकर पूछा था कि वे 29 या 31 जनवरी के बीच कब पूछताछ के लिए उपलब्ध होंगे।एजेंसी ने सोरेन से यह भी कहा था कि समन पर अगर वे नहीं उपस्थित होते हैं तो उसकी टीम खुद उनके पास पहुंचेगी। सोरेन को समय और स्थान बताने के लिए 27 जनवरी तक का वक्त दिया गया था, लेकिन उन्होंने निर्धारित समय तक जवाब नहीं दिया तो ईडी ने उनकी तलाश में दबिश दी। हालांकि 29 जनवरी की दोपहर सोरेन ने मेल के जरिए ईडी को सूचित किया कि वे 31 जनवरी को दोपहर एक बजे इस मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए अपने आवास मे उपलब्ध होंगे। संभावना जताई जा रही है कि ईडी उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। इसी आशंका को देखते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को रांची बुला लिया गया है।
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