
By Rohtas Darshan Digital Desk | Updated: October 21, 2025 | Mumbai News :
भारतीय सिनेमा ने खोया एक अमूल्य रत्न
बॉलीवुड के दिग्गज हास्य अभिनेता गोवर्धन असरानी का सोमवार शाम 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक, वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।
असरानी का अंतिम संस्कार सांताक्रूज श्मशान घाट पर परिजनों और करीबी दोस्तों की मौजूदगी में किया गया।
पांच दशकों से अधिक लंबा करियर
गोवर्धन असरानी, जिन्हें दर्शक प्यार से सिर्फ “असरानी” के नाम से जानते हैं, भारतीय सिनेमा के सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहने वाले हास्य कलाकारों में से एक थे।
अपने करियर के दौरान उन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में काम किया और लगभग हर बड़े स्टार के साथ पर्दा साझा किया।
उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे से अभिनय की शिक्षा ली और 1960 के दशक के मध्य में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
हास्य से गंभीरता तक – असरानी का सफर
शुरुआत में असरानी ने कुछ गंभीर और सहायक भूमिकाएं निभाईं, लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग और चेहरे के हावभाव ने जल्द ही उन्हें दर्शकों के दिलों में खास जगह दिला दी।
1970 और 1980 के दशक में वे बॉलीवुड के कॉमेडी किंग बन गए, जिन्होंने अक्सर प्यारे मूर्ख, परेशान क्लर्क या मज़ाकिया सहायक जैसे किरदारों से सबका दिल जीता।
‘शोले’ का जेलर और ‘चुपके चुपके’ का मास्टरपीस रोल
फिल्म ‘शोले’ में असरानी का “अंग्रेजों के ज़माने का जेलर” वाला किरदार आज भी लोगों की यादों में ताज़ा है।
उनका डायलॉग — “हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं” — आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे चर्चित कॉमिक डायलॉग्स में गिना जाता है।
इसके अलावा ‘चुपके चुपके’, ‘अभिमान’, ‘गोलमाल’, ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी।
हर भाषा में छोड़ी अपनी पहचान
असरानी ने न केवल हिंदी सिनेमा बल्कि गुजराती और राजस्थानी फिल्मों में भी काम किया।
उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्देशन भी किया और कई मंच नाटकों में हिस्सा लिया।
उनकी जुगलबंदी महमूद, राजेश खन्ना, गोविंदा और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के साथ दर्शकों को खूब पसंद आई।
सिर्फ कॉमेडियन नहीं, एक बेहतरीन अभिनेता भी
कॉमेडी के अलावा असरानी ने ‘आज की ताज़ा खबर’ और ‘चला मुरारी हीरो बनने’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय की गंभीरता और संवेदनशीलता दिखाई।
उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं, बल्कि एक पूर्ण कलाकार बना दिया था।
असरानी की विरासत
असरानी ने भारतीय सिनेमा को हास्य, संवेदनशीलता और सादगी का अनोखा संगम दिया।
उनकी फिल्मों के डायलॉग और अंदाज आने वाली पीढ़ियों के लिए अभिनय की मिसाल बने रहेंगे।
फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसक इस दिग्गज कलाकार को हमेशा श्रद्धांजलि देते रहेंगे।
असरानी जी की यादें हमेशा रहेंगी अमर
भारतीय सिनेमा में असरानी जैसा कलाकार बार-बार नहीं जन्म लेता।
उनकी मुस्कान, उनका अंदाज और उनकी कॉमिक टाइमिंग आने वाले समय में हर कलाकार के लिए प्रेरणा रहेगी।
“अंग्रेजों के ज़माने का जेलर” अब स्वर्ग के मंच पर हंसी बिखेर रहे हैं।


