सहरसा। बिहार के सहरसा जिले के सौरबाजार प्रखंड विकास पदाधिकारी की गाड़ी चर्चा का विषय बन गई है। इस वाहन पर आगे बिहार का रजिस्ट्रेशन नंबर है, जबकि पीछे यूपी का नंबर लगा हुआ है। यह घटना परिवहन विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, जिससे स्थानीय लोग हैरान हैं।
नियमों का उल्लंघन
परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, बिहार में एक गाड़ी का केवल एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर होना चाहिए। यह प्लेट दो बनती है, एक आगे और एक पीछे। लेकिन सौरबाजार के बीडीओ के पर्सनल वाहन पर यह नियम साफ तौर पर उल्लंघन किया गया है। गाड़ी के आगे बिहार का रजिस्ट्रेशन नंबर (बीआर 06 डीटी 8204) और उसके ऊपर बिहार सरकार का बोर्ड है, जबकि पीछे (यूपी 14 सीजे 7708) का नंबर प्लेट लगा हुआ है। एक ही वाहन पर दो अलग-अलग राज्य के नंबर प्लेट का होना न केवल अजीब है, बल्कि यह प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।
चर्चा का विषय
यह गाड़ी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है, और लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि कैसे एक सरकारी अधिकारी के वाहन पर इस तरह की अनियमितताएँ हो सकती हैं। स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग की इस लापरवाही के खिलाफ लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है। सवाल उठता है कि क्या इस मामले की जांच होगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? यह घटनाक्रम न केवल बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकारी नियमों के प्रति सम्मान की भी आवश्यकता को दर्शाता है।